भरतपुर
गांव- रामपुरा, ब्लॉक – सेवर में संचालित महिला एवं बाल शक्ति केंद्र में बालक एवं किशोरी बालिकाओं के साथ विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया गया। सहायक निदेशक अमित अवस्थी बाल अधिकारिता विभाग एवं समस्त पदाधिकारी ने हरी झण्डी दिखाकर रैली को रवाना किया।
दिशा फाउंडेशन निदेशक दिनेश कुमार सिंह ने इस कार्यक्रम में बाल तस्करी, बाल श्रम, बाल विवाह अधिनियम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल शक्ति केंद्र के माध्यम से पढ़ाई – लिखाई छोड़ चुकी बालिकाओं के जीवन कौशल शिक्षा के माध्यम से भारत सरकार एवं राजस्थान सरकार द्वारा संचालित किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं को योजना के बारे में App के माध्यम से जानकारी जाएगी। बालश्रम निषेध व नियमन कानून 1986 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस कानून के तहत 14 साल से कम आयु के बच्चों के जीवन और स्वास्थ्य के लिये अहितकर 13 कार्यो को निषिद्ध बनाया गया है।

मुख्यअतिथि सहायक निदेशक अमित अवस्थी बाल अधिकारिता विभाग ने विश्व बालश्रम निषेध दिवस का उद्देश्य के बारे जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2002 में 12 जून को “विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस” के रूप में मनाने की शुरूआत की गई। विश्व में तकरीबन 21 करोड़ 80 लाख बाल श्रमिक हैं। प्रोग्राम मैनेजर श्रीमती शाल्हो हेम्ब्रोम ने बच्चों के बाल अधिकार एवं गुड़ टच, बैड टच के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नारायण उच्च माध्यमिक विद्यालय के व्यवस्थापक नारायण सिंह ने कहा कि बालश्रम की रोकथाम के लिए सबसे अहम भूमिका अभिभावकों की है तथा बच्चों के बेहतर भविष्य को लेकर इनकी रणनीति की आवश्यकता है। कार्यक्रम के अंत में बालश्रम न करने के लिए शपथ दिलवायी गयी।
इस अवसर पर समाज सेवी जसवंत सिंह, चिरंजी राजपूत, विकास चतुर्वेदी बाल अधिकारिता विभाग, चाइल्ड लाइन कोऑर्डिनेटर प्रेमराज परनामी, मधु शर्मा, शंकर दयाल, नारायण सिंह अध्यापक एवं दिशा फाउंडेशन के पदाधिकारी राहुल सिंह, राजरानी आदि मौजूद थे।
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