जो मंत्री कच्चे परकोटे पर पट्टा दिलाने में खड़ी कर रहे थे अड़चन, अब अचानक रहनुमा बनकर आए सामने, भाजपा नेता गिरधारी तिवारी ने खोली पोल

भरतपुर 

गहलोत सरकार के जिस मंत्री पर भरतपुर में कच्चा परकोटा पर पट्टा देने की मांग को लेकर कई महीनों से चल रहे आंदोलन में अड़चन डालने के आरोप लग रहे थे; अचानक वे परकोटे वासियों के रहनुमा बनकर सामने आए और अब फिर विवादों में घिर गए हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व जिलाध्यक्ष गिरधारी तिवारी ने इस मामले में गहलोत सरकार के मंत्री और स्थानीय विधायक डा. सुभाष गर्ग को जमकर घेरा है और इस प्रकरण में डा. गर्ग की पोल खोल दी है।

तिवारी ने कच्चा परकोटा नियमन के मुद्दे पर सवाल किया कि सुभाष गर्ग उस समय कहां थे जब यह आंदोलन शुरू हुआ था और इसमें अड़चन पर अड़चन खडी कर रहे थे और जब मामला समाधान की ओर बढ़ा तो अचानक सामने आए और अपनी ही पार्टी के लोगों को पहले धरने पर बैठाया और फिर श्रेय लेने के लिए कुछ ही घंटों बाद धरना समाप्त भी करवा दिया।

भरतपुर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व जिलाध्यक्ष गिरधारी तिवारी

तिवारी ने डा. गर्ग  पर आरोप लगाया कि वह कच्चे परकोटे के लोगों द्वारा पट्टे लेने की मांग को लेकर चल रहे आन्दोलन को हाईजैक करने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें वह सफल नहीं होंगे। उन्होंने मंत्री को आगाह किया कि वे  जनता को भ्रमित करने और  सस्ती लोक प्रियता पाने की कोशिश नहीं करें। भाजपा नेता ने डा.गर्ग को परकोटा वालों का विरोधी बताते हुए कहा कि कच्चे परकोटे के पट्टे दिलाने में वे अब तक अवरोधक का कार्य करते आए हैं। जब परकोटा वालों को पट्टे मिलने की उम्मीद जगी है तब श्रेय लेने के लिए उन्होंने यह नाटक रच दिया।

भाजपा जिलाध्यक्ष ने मंत्री पर दागे ये बारह सवाल
भाजपा के पूर्व जिला गिरधारी तिवारी  ने इस मामले में डा. सुभाष गर्ग पर बारह सवाल दागे हैं और चुनौती दी है कि वे उनसे इस प्रकरण को लेकर कहीं भी डिबेट करने को तैयार हैं। पहले वे परकोटावासियों के इन सवालों का जवाब दें:

राजस्थान के मंत्री डा.सुभाष गर्ग

सवाल नंबर एक
कच्चा परकोटा नियमन संघर्ष समिति द्वारा  परकोटे के वासियों को पट्टे  दिलाने की मांग को लेकर मिनी सचिवालय के सामने 24 फरवरी, 2022 से 06 मार्च  तक 11 दिन तक जो धरना दिया गया उस धरने पर आप क्यों नहीं पधारे ? जबकि सभी पार्टियों ने उसमें समर्थन किया था।

सवाल नंबर दो
31 मई, 2022 को प्रायोजित धरने में दो घंटे बाद ही धरना स्थल पर पहुंच कर आपने धरने को स्थगित करा दिया; इसका क्या औचित्य था ?

सवाल नंबर तीन
17 दिसम्बर 2021 को आपके द्वारा वक्तव्य दिया गया था जिसमें  आपने कहा था कि कच्चे परकोटे के निवासी पट्टे लेने के लिए आवेदन करें, यह वक्तव्य किस आधार पर दिया गया ? और परकोटे वासियों के आवेदन नगर निगम भरतपुर द्वारा  क्यों नहीं  लिए गए ?

सवाल नंबर चार
कच्चे परकोटा नियमन संघर्ष समिति द्वारा आपके चुनाव जीतने के बाद आपके निवास पर  और  7 दिसम्बर,2021 को पुनः तथा तीसरी बार 04 अक्टूबर, 2021 को नगर निगम भरतपुर में परकोटे के निवासियों को पट्टे दिलाने की मांग को लेकर दिए गए ज्ञापनों को लेकर राज्य सरकार को पट्टे देने की अनुशंषा पत्र कब-कब  आपके द्वारा कब- कब भेजे गए , स्पष्ट करें ?

सवाल नंबर पांच
31 मई 2022 को धरना स्थगित कराते समय दिए गए भाषण में यह कहा गया था कि कच्चा परकोटा के नियमन सम्बन्धी मामलों में आ रही बाधाओं को काफी हद तक दूर करा दिया गया है, कृपया बताएं कि वे कौनसी बाधाएं थीं  जिनको दूर करा दिया गया है, स्पष्ट करें ? साथ ही यह भी बतायें कि और अन्य कौेनसी बाधाएं है जो आगे आने वाली हैं  जिनको लेकर आपके द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है ?

सवाल नंबर छह
भरतपुर शहर में स्थित सुजान गंगा नहर के चारों ओर स्थित खिरनी घाट, ठंडी सड़क, पाई बाग, सहयोग  नगर, गोपालगढ़, जनाना अस्पताल, घोड़ा घाट, चोैबुर्जा और  नोंह गांव  आदि में निवास करने वाले लोगों  को पट्टे दिलाने के लिए आपके द्वारा  क्या कार्यवाही की गई  स्पष्ट  करें ? और साथ में यह भी बताएं कि इनको पट्टे कब तक दिलवा दिए जाएंगे ? इसके समाधान के लिए  राज्य सरकार के स्तर पर आपके द्वारा  क्या कार्यवाही  कराई गई है?

सवाल नंबर सात
कृपया यह बतायें कि जिस तरह से नगर निगम  के पार्षदों द्वारा बोर्ड की मीटिंग  में कच्चे परकोटा वालों को पट्टे देने का प्रस्ताव लिया गया था इसी संदर्भ में समय -समय पर नगर निगम  के महापौर अभिजीत कुमार, राज्य सरकार के  केबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र  सिंह, जिला प्रभारी मंत्री महेश  जोशी, राज्य मंत्री  श्रीमती जाहिदा खान द्वारा कच्चे परकोटे के निवासियों को पट्टे देने की कई बार अभिशंषाएं  स्वायत शासन मंत्री  और  मुख्य मंत्री को भेजी गई थीं। आपके द्वारा किसी तरह की कोई अभिशंषा  कब भेजी गई  कृपया स्पष्ट करें?

सवाल नंबर आठ
आपके द्वारा 31 मई, 2022 को मिनी सचिवालय के सामने प्रायोजित धरने को सम्बोधित करते हुए कहा था कि कुछ स्थानीय नेताओं ने कच्चा परकोटा वासियों से धरना दिलाया था। हमारा आपसे प्रश्न  है कि आपके द्वारा  31 मई 2022 को गैर  परकोटा वासियों को इकट्ठा करा कर कच्चे परकोटा जो धरने का ड्रामा किया गया था उसका क्या मन्तव्य था ?

सवाल नंबर नौ
आपकी पार्टी RLD द्वारा आपके जयपुर आवास पर कच्चे परकोटे के नियमन का मांग का  पत्र सौंपा था जिस पर आपने अपनी पार्टी के कार्यकताओं को भरोसा दिया था कि मेरी इस संदर्भ में मुख्यमंत्री से वार्ता हो चुकी है। इस पर शीघ्र  ही कार्यवाही होगी। इसके बावजूद आपने पद और सत्ता का दुरूपयोग  करते हुए 31 मई, 2022 को राज्य सरकार के खिलाफ गैर  परकोटा वासियों को एकत्रित करके धरने का आयोजन क्यों किया गया ?

सवाल नंबर दस
31 मई को धरने स्थल पर आपने अपने भाषण  में कहा था कि परकोटा के नियमन कार्य में कई बाधाएं थीं तो आप स्पष्ट  करें कि आपके मंत्रित्व काल 2020-21 में अपने पद का दुरूपयोग  करते हुए  तत्कालीन नगर निगम  आयुक्त श्रीमती नीलिमा तक्षक जो आपके प्रभाव में थी के द्वारा  परकोटा नियमन के विपरीत रिपोर्ट राज्य सरकार को क्यों भिजवायी थी? साथ ही साथ आपने अपने प्रभाव का उपयोग  करते हुए इन्ही आयुक्त महोदया से अपने चहेते लोगों  को भवन निर्माण की मंजूरी, पट्टे आदि दिलवा कर परकोटे वालों के साथ भेदभाव क्यों किया?

सवाल नंबर ग्यारह 
आपके द्वारा अपने समर्थकों से मुख्यमंत्री  को शहर  के कच्चे परकोटे की भूमि को पुन: संरक्षित करने का मांग पत्र दिलाया था, ऐसा  क्यों किया गया?

सवाल नंबर बारह
आप यह भी बताएं कि  जब राजस्थान सरकार के केबिनेट मंत्री  विश्वेन्द्र  सिंह संघर्ष समिति के कच्चे परकोटे के शीघ्र  पट्टे दिलाने का 28 मई  को पूर्ण  आश्वासन  देते समाचार  प्रकाशित हुए थे। इसके उपरान्त भी आपने सुनियोजित षड्यंत्र के तहत  केबिनेट मंत्री  विश्वेन्द्र  सिंह के आश्वासन के बाद भी 31 मई को सरकार के खिलाफ RLD कार्यकर्ताओं को धरने पर क्यों बैठाया गया? और उत्तर दें  कि आप द्वारा आम जनता के आन्दोलन का श्रेय लेने के लिए  धरने के दिखावे का आयोजन क्यों कराया गया?

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