सचिन पायलट का सीएम अशोक गहलोत पर तीखा कटाक्ष- तिजोरी से पेपर बाहर आ गया और अफसर जिम्मेदार नहीं; यह तो जादूगरी हो गई

झुंझुनू 

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट अब सीएम अशोक गहलोत पर हमलावर मूड में आ गए हैं। बुधवार को सचिन पायलट ने  झुंझुनूं जिले के गुढ़ा में आयोजित किसान सम्मेलन में गहलोत बिना नाम लिए उनके उस बयां की कड़ी आलोचना की जिसमें गहलोत ने कहा था कि पेपर लीक में किसी अफसर या राजनीतिक नेता का हाथ नहीं है। सचिन बोले- अफसर जिम्मेदार नहीं तो तिजोरी से पेपर बाहर कैसे आया? यह तो जादूगरी हो गई। सचिन ने रिटायर्ड अफसरों को राजनीतिक नियुक्तयां देने का विरोध किया।

सचिन पायलट ने पेपर लीक मामले में गहलोत का नाम लिए बिना उनके आड़े हाथों लिया और कहा कि जब बार-बार पेपर लीक होते हैं तो हमें दुख होता है। इसके लिए जिम्मेदारी तय करके एक्शन लेना होगा। अब कहा जा रहा है कि कोई अफसर जिम्मेदार नहीं है। पेपर तिजोरी में बंद होता है। तिजोरी में बंद पेपर बाहर बच्चों तक कैसे पहुंच गया। यह तो जादूगरी हो गई। पायलट ने कहा- ऐसा संभव नहीं है कि कोई अफसर जिम्मेदार नहीं है। कोई न कोई तो जिम्मेदार होगा।

अफसरों को राजनीतिक नियुक्तियां देने पर जताया ऐतराज
सचिन पायलट ने गहलोत सरकार द्वारा रिटायर्ड अफसरों को राजनीतिक नियुक्तियां दिए जाने की भी कड़ी आलोचना की और कहा कि बड़े अफसर शाम को रिटायर होते हैं और रात 12 बजे उन्हें राजनीतिक नियुक्ति मिल जाती है। पायलट ने कहा- बहुत से लोगों को राजनीतिक नियुक्तियां दीं, लेकिन जिन लोगों ने सरकार बनाने के लिए खून-पसीना बहाया। उनका भी अनुपात सुधारना होगा।

पायलट ने कहा- प्रदेश में बहुत से ऊंचे अधिकारी हैं, जो अधिकारी हमारी सरकार में काम करते हैं। उन्हें यह फर्क नहीं पड़ता कि कि राज कांग्रेस का है या बीजेपी का। अफसर तो राज की नौकरी करते हैं। बड़े अफसरों को भी हमें राज में मौका देना हो तो दीजिए, लेकिन अनुपात बेहतर होना चाहिए। पायलट का कहना था कि कांग्रेस का कोई भी कार्यकर्त्ता किसी भी खेमे का हो उसे राजनीतिक नियुक्तियों में तरजीह दी जानी चाहिए। ऐसा किया जाता है तो हम उसक सवगत करेंगे।  उन्होंने दुःख व्यक्त किया कि बड़े-बड़े अधिकारी शाम को 5 बजे रिटायर होते हैं और रात को 12 बजे उनकी नियुक्ति हो जाती है। थोड़ा-बहुत तो होता है, लेकिन अधिकारियों की जगह कांग्रेस के कार्यकर्ता को पद मिलते तो अच्छा होता। हमें तो यह ठीक करना होगा।

मैंने कार्यकर्ताओं को जोड़ा और सरकार बनवाई
सचिन पायलट ने 2013 में  भूमिका को लेकर कहा कि तब हमारे 21 विधायक रह गए थे। केवल दो मंत्री जीते थे। बाकी पूरी कैबिनेट हार गई थी। उन विपरीत हालात में कांग्रेस हाईकमान ने मुझे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाकर भेजा। उस वक्त मैं केंद्र में मंत्री था। लोगों ने तब कहा था- यह फायदे का सौदा नहीं है। वहां तो कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। मैंने सब कुछ छोड़कर कार्यकताओं और नेताओं को जोड़ने, इकट्ठा करने की कोशिश की। हमने सरकार बनाई।

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