राजस्थान कांग्रेस में घमासान: गहलोत की सभा में CM के सलाहकार ने ललकारा; गहलोत और राजीव गांधी के अलावा कोई तीसरा नारा लगा तो जेल में डलवा दूंगा

जयपुर 

इन दिनों राजस्थान कांग्रेस में जबरदस्त घमासान मचा है इस घमासान के बीच लग रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट खेमों में आरपार की ठन गई है। मंगलवार को तो इस घमासान की हद ही पार हो गई जब CM गहलोत की सभा में उन्हीं के सलाहकार निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर ने सचिन पायलट खेमे को ललकारभरी चुनौती दे डाली कि यहां किसी ने भी राजीव गांधी और गहलोत के अलावा कोई और तीसरा नारा लगाया तो वे उसे जेल में डलवा देंगे।

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वाकया जयपुर जिले दूदू में आयोजित CM अशोक गहलोत की सभा का है। दरअसल दूदू में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ब्लॉक स्तरीय ग्रामीण ओलिंपिक खेल प्रतियोगिता का उद‌्घाटन और कई विकास के कामों का लोकार्पण-शिलान्यास करने पहुंचे थे। इसी मौके पर ये सभा रखी गई थी। नागर जब सचिन खेमे को वार्निंग दे रहे थे तो तब तक गहलोत सभा स्थल पर पहुंचे नहीं थे। उनसे पहले CM सलाहकार बाबूलाल नागर का ही भाषण चल रहा था। उन्होंने चेतावनी दी कि राजीव गांधी और गहलोत के अलावा यदि किसी और के समर्थन में नारा लगाया तो पुलिस उठा ले जाएगी।

नागर ने कहा कि ‘यहां किसी को नारा लगाना है तो केवल राजीव गांधी अमर रहे और अशोक गहलोत जिंदाबाद का ही नारा लगाना है।’ अगर किसी ने इन दो के अलावा तीसरा नारा लगाया तो पुलिस उठा ले जाएगी। बंद कर देगी और केस लग जाएगा। बाद में मुझे मत कहना।

केवल आपको ताली बजानी है बस…
नागर ने  साफ़ सभा में आए लोगों को साफ़ हिदायत दी कि कोई किसी के नारे नहीं लगाएंगे, दो नारे मैंने बताए हैं। राजीव गांधी अमर रहे, अशोक गहलोत जिंदाबाद, तीसरा कोई किसी का नारा नहीं लगाएगा। तीसरा नारा लगाना है तो उठकर जा सकता है। फिर मुझे दोष मत देना। केवल आपको ताली बजानी है बस। नारे केवल दो ही लगेंगे।

कोई न्यूसेंस करे तो बता दें…
नागर ने आगे लोगों को नसीहत देते हुए कहा- आपके ब्लॉकों में कोई न्यूसेंस करें, तो इशारा करो तत्काल। कई बार पड़ोसी न्यूसेंस कर दे तो जिसने गलती नहीं की वह लपेटे में आ जाता है। पिछले 24 साल का इतिहास है, मेरे किसी कार्यक्रम में अनुशासनहीनता नहीं हुई और न मैं इसे बर्दाश्त करता हूं।

गहलोत के खास हैं नागर
आपको बता दें कि बाबूलाल नागर सीएम अशोक गहलोत के शुरू से ख़ास हैं। नागर गहलोत की पिछली सरकार में खाद्य मंत्री थे। एक महिला ने उन पर रेप का आरोप लगाया था, जिसके बाद वे जेल गए थे। बाद में उन्हें बरी कर दिया गया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में जब सचिन पायलट पीसीसी अध्यक्ष थे तो नागर को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था तो वे बागी होकर निर्दलीय लड़े और जीते। विधानसभा चुनाव से पहले हुई सभा में उस समय संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने जनता से नागर को जितवाने की अपील की थी। नागर कांग्रेस की टिकट पर दूदू से तीन बार विधायक रह चुके हैं।

नागर ने इसलिए धमकाया 
दूदू में सचिन पायलट समर्थकों का भी वर्चस्व है। नागर इसी से भय खा रहे थे और फिर सारी हदें पार कर ललकार दिया और पुलिस से उठवाने तक की धमकी दे डाली। सोमवार को पुष्कर में मंत्री अशोक चांदना के भाषण के दौरान जूते उछाले जाने की घटना के बाद सभा में खास एहतियात बरती गई। नागर ने खुलेआम पुलिस से उठवाने की ही धमकी दे दी।

खेलमंत्री की सभा में हुआ हंगामा
आपको बता दें गहलोत-सचिन खेमों के बीच तनातनी की फील्ड सोमवार को भी अजमेर के पुष्कर में गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन के दौरान जैम चुकी थी। तब गहलोत कैंप के खेलमंत्री अशोक चांदना सभा में पहुंचे थे जिसमें जमकर हंगामा हुआ। मंत्री के सामने पायलट के समर्थन में नारेबाजी हुई तो कुछ कार्यकर्ताओं ने जूते उछालते हुए हूटिंग की। रात को चांदना ने पूर्व उपमुख्यमंत्री का नाम लेकर उन पर निशाना साधा। चांदना ने कहा, ”मुझ पर जूता फेंकवाकर सचिन पायलट यदि मुख्यमंत्री बने तो जल्दी से बन जाएं क्योंकि आज मेरा लड़ने का मन नहीं है। जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा और यह मैं चाहता नहीं हूं।”

पायलट को CM बनाने की मांग ने पकड़ा जोर
सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में कांग्रेस के कई नेता अब खुलकर सामने आने लगे हैं। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी ने भी कह दिया है कि जनता की भावना है कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री बने। चौधरी ने सोमवार को मीडिया के सामने कहा, ”राज्य की जनता सचिन पायलट को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है और उन्हें लोग कहते हैं कि हमने तो पायलट को देखकर वोट दिया था। उन्होंने कहा कि वह जो जनता चाह रही है वही बात बिना लाग लपेट के वह बता रहे हैं।” उन्होंने कहा कि जब हमारी सीटें 21 पर आ गई थीं, तब पायलट को राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर भेजा गया और उन्होंने मेहनत की। जब विधानसभा चुनाव हुए तो पायलट ने पार्टी को 21 सीटों से सौ पर पहुंचाया और कांग्रेस की सरकार बनी। छह महीने बाद ही लोकसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस सभी 25 लोकसभा सीट हार गई।

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