रेलवे के वेलफेयर इंस्पेक्टर और तकनीशियन ने मांगी 3 लाख 35 हजार  की घूस, ACB ने रंगे हाथों दबोचा | एकबार भनक लगते ही बच गए थे घूसखोर

जोधपुर 

जोधपुर में रेलवे मंडल के वेलफेयर इंस्पेक्टर और रेलवे डीजल शेड के तकनीशियन ने श्रेणी परिवर्तन की पत्रावली पर पक्ष में अनुशंसा करने की एवज में परिवादी से  3 लाख 35 हजार की घूस मांग ली। ACB ने दोनों को चाइल्ड करंसी व 35 हजार रुपए असली नोटों के साथ रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इन घूसखोरों ने पहले भी इसी परिवादी से रिश्वत मांगी थी, लेकिन ACB की भनक लगते ही तब उन्होंने रिश्वत नहीं ली।

दोनों आरोपी दूसरी बार ACB के जाल में फंस गए और उसके हत्थे चढ़ गए गिरफ्तार आरोपियों के नाम  वेलफेयर इंस्पेक्टर राजेन्द्र गुर्जर व तकनीशियन ( क्रेन जमादार) नन्दकिशोर है। ACB के महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया कि परिवादी  रेलवे का तकनीशियन हरेन्द्र द्वारा शिकायत दी थी कि मेडिकल बोर्ड द्वारा स्वास्थ्य कारणों से तकनीकी पद से अयोग्य करार दिए जाने के बाद श्रेणी परिवर्तन की पत्रावली पर पक्ष में अनुशंसा करने की एवज में राजेन्द्र गुर्जर वेलफेयर इन्सपेक्टर रेलवे मंडल, भगत की कोठी, जोधपुर द्वारा अपने दलाल नन्दकिशोर तकनीशियन (क्रेन जमादार) रेलवे डीजल शेड, भगत की कोठी, जोधपुर के माध्यम से 3 लाख 35 हजार रुपए  की घूस मांग रहा है।

एसीबी जोधपुर के उपमहानिरीक्षक पुलिस सवाई सिंह गोदारा के सुपरविजन में एसीबी जोधपुर एसयू इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गसिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया। इसके बाद ACB की टीम ने  ट्रेप की कार्यवाही करते हुए वेलफेयर इन्सपेक्टर और नन्दकिशोर तकनीशियन को परिवादी से 3 लाख 35 हजार रुपए  की रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

एलडीसी लगाया तो फिर मध्यस्थ ने मांगी रिश्वत
पिछले दिनों परिवादी को विपरीत आदेश कर निचले पद एलडीसी लगा दिया था। नंदकिशोर ने उससे सम्पर्क कर अपील करने और ऊपर अधिकारी से समकक्ष पद पर लगाने का भरोसा दिलाया, लेकिन बदले में साढ़े तीन लाख रुपए मांगे। परिवादी ने दुबारा एसीबी से शिकायत की। सत्यापन में फिर रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई। तकनीशियन ने उसे अमृतादेवी सर्कल के पास बुलाया, जहां रिश्वत लेते ही एसीबी ने उसे पकड़ लिया।

सिर्फ 35 हजार रुपए ही होने से चाइल्ड करंसी ली
कमर दर्द से परेशानी झेल रहे परिवादी हरेन्द्र के पास सिर्फ पैंतीस हजार रुपए ही थे। जबकि उससे साढ़े तीन लाख रुपए रिश्वत मांगी गई थी। तब ब्यूरो ने तीन लाख की चाइल्ड करंसी की व्यवस्था की और तकनीशियन व वेलफेयर निरीक्षक को गिरफ्तार किया।

डेढ़ माह पहले मांगे थे पांच लाख, पर ACB की भनक लगते ही बदल गया इरादा
परिवादी ने अनफिट घोषित होने के बाद श्रेणी बदलकर समकक्ष पद पर लगाने के लिए रेलवे वेलफेयर निरीक्षक राजेन्द्र से डेढ़ माह पहले सम्पर्क किया था। उसने साब से कहकर समकक्ष पद पर लगाने के लिए पांच लाख रुपए मांगे थे। जिसकी शिकायत परिवादी ने एसीबी से की थी। गोपनीय सत्यापन में निरीक्षक के रिश्वत मांगने की पुष्टि हो गई थी, लेकिन उसे एसीबी कार्रवाई का संदेह हो गया था। ऐसे में उसने रिश्वत नहीं ली थी। एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस दिनेश एम.एन. के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ जारी है। घर की तलाशी भी ली जा रही है।

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