जयपुर
राजस्थान के जयपुर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त (ADC) न्यायालय में एक रीडर द्वारा ADC के फर्जी साइन कर आधा दर्जन मामलों में फैसले सुना दिए गए। इस रीडर को निलंबित कर उसके खिलाफ बनीपार्क थाने में में मामला दर्ज करा दिया गया है।
आरोपी का नाम मुकेश कुमार परसोया है और वह अतिरिक्त संभागीय आयुक्त (ADC) कोर्ट में रीडर के पद पर नियुक्त है। उसने एडीसी के फर्जी साइन करके 6 मामलों में खुद के स्तर पर ही जजमेंट दे दिया। मामला सामने आने के बाद पांच सदस्यों की एक जांच कमेटी बना दी गई है। अब यह कमेटी इस रीडर के अब तक किए गए तमाम कामों को खंगालेगी और जांच करके उसकी रिपोर्ट पेश करेगी।
बाबू की भी भूमिका संदिग्ध
इस मामले में रीडर के साथ ही वहां तैनात बाबू की भी भूमिका संदिग्ध है, जिसकी भी जांच करवाई जा रही है। दि डिस्टिक बार एसोसिएशन जयपुर ने इस बाबू को भी संदिग्ध माना है। एसोसिएशन ने रीडर पर कई मामलों में अपने स्तर पर जजमेंट देकर करोड़ों रुपए वसूलने का आरोप लगाया है।
ऐसे आया पकड़ में
ये पूरा मामला कमला देवी बनाम तहसीलदार दांतारामगढ़ की रास्ते के मामले में लगी एक अपील के जजमेंट पर पकड़ा गया। दांतारामगढ़ में एक सामान्य रास्ते के मामले में एक अपील संख्या 11//21 कोर्ट में विचाराधीन थी। डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने बताया कि राजधानी जयपुर के मिनी सचिवालय स्थित न्यायालय अतिरिक्त सभागीय आयुक्त जयपुर के रीडर मुकेश कुमार ने अदालत में विचारधीन एडवोकेट सीताराम कुमावत साम्भर लेक (जयपुर कलेक्ट्रेट) की प्रस्तुत पत्रावली ग्राम धींगपुर दांतारामगढ़ की अपील संख्या 11//21 कमला देवी बनाम तहसीलदार दांतारामगढ़ की रास्ते बाबत अपील में मौका रिपोर्ट तलबी की स्टेज पर चल रहे प्रकरण में तारीख पेशी में कांट छांट कर फर्जी अंतिम निर्णय तैयार कर प्रमाणित नकल जारी कर जालसाजी की।
उन्होंने बताया कि मुकदमा में मौका रिपोर्ट तलब होनी थी, जिसके लिए 24 जनवरी 2022 से 28 फरवरी 2022 की डेट दी गईं. जो GCMS पोर्टल पर भी दर्शित है। कॉज़ लिस्ट और कोर्ट ऑर्डर शीट में 28 को काट कर 08 कर दिया और 08 फरवरी की डेट में बिना बहस की डेट मुकर्रर हुए बिना ही और एडवोकेट सीताराम कुमावत की बिना उपस्थिति, बिना बहस के फर्जी अंतिम निर्णय टाइप कर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त के हस्ताक्षर और न्यायालय की मुद्रा से प्रमाणित प्रतिलिपि बनाकर विपक्षी पार्टी को दे दी।
डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने अतिरिक्त संभागीय आयुक्त से मिलकर के इस फर्जीवाड़े के मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है और कहा है अन्यथा वकील समुदाय आंदोलन करेगा
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