सीकर
राजस्थान सरकार ने सीकर जिले के खंडेला कस्बे में वकील हंसराज के आत्मदाह मामले में SDM राकेश कुमार को निलंबित कर दिया है। निलम्बन काल के दौरान एसडीएम का मुख्यालय शासन प्रमुख सचिव कार्मिक विभाग जयपुर रखा गया है।
शासन उप सचिव कैलाश चंद्र कुमावत की और से निकाले गए आदेश में कहा गया है की है कि SDM राकेश कुमार के खिलाफ विभागीय जांच प्रस्तावित होने की वजह से राजस्थान सिविल सेवा नियम 1958 के नियम 13 के तहत तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाता है। सरकार ने सीकर कलक्टर निर्देश दिए हैं कि एसडीएम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव दस्तावेजों सहित भेजें।
आपको बता दें कि इस मामले में थानेदार घासीराम मीणा को पहले ही लाइन हाजिर किया जा चुका है। वकील हंसराज मावलिया ने अपने सुसाइड नोट और मौत से पहले दिए बयानों में एसडीएम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के साथ थानाधिकारी मीणा पर उसे धमकाने का आरोप लगाया था। इस मामले में एसडीएम राकेश कुमार व थानाधिकारी घासीराम मीणा के खिलाफ कार्रवाई सहित पांच सूत्रीय मांग को लेकर वकील लामबंद हो गए थे।
यह थी घटना
खंडेला कोर्ट में गुरुवार को वकील हंसराज मावलिया ने एसडीएम राकेश कुमार व खंडेला थानाधिकारी घासीराम मीणा पर भ्रष्टाचार व धमकी देने का आरोप लगाते हुए खुद पर पैट्रोल डालकर आग लगा ली थी। जिसके बाद वह एसडीएम कक्ष में पहुंच गया। जहां उसने एसडीएम को पकडऩे की कोशिश की। लोगों ने भी बीच बचाव करते हुए उसकी आग बुझाई। फिर झुलसी हालत में उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया। जहां गंभीर स्थिति होने पर चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे जयपुर रेफर कर दिया। जयपुर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। शुक्रवार को जब हंसराज का शव जयपुर से आया तो उसे भी प्रदर्शनकारियों ने अपने पास ही रखकर अंतिम संस्कार के लिए मना कर दिया था।
यह हुआ था समझौता
जिला प्रशासन व प्रदर्शनकारियों के बीच शनिवार आधी रात के बाद करीब 12.30 बजे समझौता हुआ। जिसमें आरोपी एसडीएम व एसएचओ के निलंबन, मृतक के परिजन को 40 लाख रुपए के मुआवजे व परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांगों पर सहमति बनने के बाद रविवार सुबह मृतक का अंतिम संस्कार किया गया था।
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