भुसावर: दबंगों की धमकी से डरे PWD के अफसर, सड़क निर्माण का रास्ता बदला, खातेदारी भूमि से होकर निकाला रास्ता | नीम, शीशम के पेड़ काटे, बाजरे की फसल की तहस नहस

बृजेन्द्र व्यास, भुसावर 

भुसावर उपखंड के गांव गढ़ी ब्राह्मण से लेकर सुक्कू के नगला तक करीब एक किलोमीटर की दूरी में सड़क निर्माण के दौरान पीडब्ल्यूडी के अफसर दबंगों और ठेकेदारों की धमकी के आगे दहशत में आ गए और सड़क निर्माण का रास्ता ही बदल दिया। इसके लिए उन्होंने नीम और शीशम मके पेड़ों तक को काट डाला और बाजरे जी फसल को तहस-नहस कर दिया, जिससे पीड़ित किसानों में भारी रोष व्याप्त है।

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ग्राम पंचायत गोगैरा के पूर्व वार्ड पंच एवं गांव सुक्कू का नगला निवासी बलराम शर्मा ने बताया कि सुक्कू के नगला से लेकर वन विभाग की ओर जाने वाले रास्ते से होकर सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। वह करीब 25 से 60 फीट चौड़ाई का गैर मुमकिन रास्ता राजस्व रिकोर्ड में दर्ज है। लेकिन कुछ दबंग लोगों ने रास्ते की जमीन को पहले से ही काट कर अपने खेतों मिला लिया है। लेकिन अब पीडब्ल्यूडी के अधिकारी और ठेकेदार दबंगों के भय से रास्ते की भूमि को छोड़कर गरीबों की खातेदारी की भूमि में होकर हरी भरी फसल को नष्ट कर जबरन सड़क बना रहे हैं , जिससे उनके खेतों में खड़े दर्जनों  नीम, शीशम के हरे पेड़ और बाजरे की फसल को नष्ट कर दिया गया है।

 बलराम शर्मा ने कहा कि सरकार ने ना तो हमारी खातेदारी जमीन को सड़क निर्माण के लिए एक्वायर किया और ना ही उन्हें भूमि अधिग्रहण करने को लेकर कोई नोटिस दिया गया है और ना ही गैर मुमकिन रास्ते की जमीन की पैमाइस कराई गई है, जिससे उनके खेतों में रास्ते की भूमि मिले होने का आरोप भी उन पर नहीं लगाया जा सकता।

 इसी तरह गांव मैनापुरा निवासी गोमती देवी ने बताया कि उनके खेतों के सामने जिन दबंगों के खेत हैं उन्होंने रास्ते की जमीन को वर्षों पहले से ही अपने खेतों में मिला रखा है। इसलिए जैसे ही एक तरफ से सड़क निर्माण शुरू  कर उसके खेत पर आकर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने निशानदेही की तो इसका यह कहते हुए विरोध किया कि पहले गैर मुमकिन रास्ता की पैमाइस कराए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। लेकिन दबंगों के आगे अधिकारीयों ने अनसुनी कर दी और लताड़ कर भगा दिया।

उच्च अधिकारियों से रास्ते की पैमाइस कराने के उपरांत ही सड़क बनाने की मांग की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। मजबूरन न्यायालय की शरण ली। लेकिन अदालत के आदेशों की अवेहलना करते हुए बिना किसी विधिवत पैमाईस कराए खेत की डोर मेड को तोड़ते हुए बाजरे की फसल को नष्ट कर सड़क निकालने का कार्य शुरू कर दिया है।

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