भरतपुर
खण्डेलवाल महिला मण्डल का आयोजन
भगवताचार्या रतिदासी जी ने कहा कि भक्त भगवान से बड़ा होता है, तभी तो भगवान भक्त के वश में रहते हैं। इसलिए मानव को भगवत भक्ति के साथ उसके भक्त का सम्मान करना चाहिए।
शहर की खण्डेलवाल धर्मशाला में आयोजित भागवत कथा के समापन पर रविवार को उन्होंने कहा कि जो मानते हैं उनका सिर दबा हुआ है, उन्हें अपना सिर ठाकुर जी की सेवा में समर्पित कर देना चाहिए। क्योंकि ठाकुर जी ही इंसान को भवसागर से पार करा सकते हैं।
खण्डेलवाल महिला मण्डल की मीडिया प्रभारी सोनू खण्डेलवाल ने बताया कि रामनवमी पर शुरू कराई गई भागवत कथा में भगवताचार्या रतिदासी जी ने रविवार को रुकमणि विवाह और सुदामा चरित्र का वर्णन किया। भगवान श्री कृष्ण और सुदामा चरित्र सुनकर मौजूद लोगों की आंखें नम हो उठी। वहीं रुकमणि विवाह के दौरान मौजूद लोगों ने श्रद्धा के साथ कन्यादान किया।
भगवताचार्या रतिदासी जी ने कहा कि संघर्षों से हर इंसान को जीवन में कभी ना कभी जूझना ही पड़ता है। इसलिए इंसान को कष्टकारी समय में अपना ध्यान ठाकुर जी की सेवा में लगाना चाहिए। इससे ही मन को शांति मिल सकती है। उन्होंने कहा कि गरीब की सेवा ही सच्ची ईश्वर सेवा है।
कथा समापन पर हवन हुआ, जिसमें मौजूद लोगों ने पूर्णाहुति दी। इसके बाद भण्डारे किया गया, जिसमें सैंकड़ों लोगों ने प्रसादी पाई।
मंत्री गर्ग ने की आरती
भागवत कथा के समापन पर तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने भागवत कथा की आरती की।
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