वकील के आत्मदाह से राजस्थान में फूटा गुस्सा, धरना प्रदर्शन, रैली, न्यायिक कार्यों का बहिष्कार

जयपुर 

सीकर के खंडेला में अधिवक्ता हंसराज मावलिया के आत्मदाह के बाद हुई मौत के बाद राजस्थान में जगह  – जगह गुस्सा फुट पड़ा है शुक्रवार को वकीलों विभिन्न जिलों में अपना आक्रोश जताने के लिए प्रदर्शन कर धरने दिए और जुलूस निकाले वकीलों की मांग है कि घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर गिरफ्तार किया जाए

राजधानी जयपुर में राजस्थान हाई कोर्ट सहित अधीनस्थ अदालतों की बार एसोसिएशन की ओर से शुक्रवार को न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया गयाकार्य का बहिष्कार के चलते वकीलों ने आज अदालतों में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई निचली अदालतों के वकीलों ने बनीपार्क स्थित कोर्ट के बाहर की मुख्य रोड को जाम कर दिया  सेशन कोर्ट के बाहर पेड गिराकर रोड जाम कर दिया गया है वहीं हाईकोर्ट के बाहर वकीलों ने मुख्यमार्ग को जामकर दिया है।

राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव गिर्राज प्रसाद शर्मा ने बताया कि एसोसिएशन की मांग है कि  घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर गिरफ्तार किया जाएडिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन के महासचिव गजराज सिंह राजावत ने न्यायिक कार्य स्थगित करने की घोषणा करते हुए पीड़ित परिजनों को आर्थिक सहायता और नौकरी उपलब्ध कराने की मांग की हैइसी तरह दी बार एसोसिएशन जयपुर ने भी न्यायिक कार्य स्थगित करने की घोषणा की

वकीलों ने हाईकोर्ट के बाहर गहलोत मुर्दाबाद के नारे लगाये।वकीलों की मांग है कि जल्द से जल्द एसडीएम और पुलिस अधिकारी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए। उनके खिलाफ मुकदमें दर्ज हों जिससे की मृतक वकील हंसराज को न्याय मिल सके।

सीकर में घटना के विरोध में आज जिले के अधिकतर वकील कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। इसके साथ ही वकील खंडेला एसडीएम कोर्ट पहुंचकर धरने में शामिल हुए। वकीलों का कहना है कि पूरे मामले की जल्द से जल्द जांच हो।

उदयपुर में भी इस घाटना का शुक्रवार काे विरोध देखने को मिला। विरोध के चलते उदयपुर में वकील कलेक्ट्रेट के बाहर एकत्रित हो गए। प्रदर्शन के दौरान वकील और पुलिस आमने-सामने भी हो गए। इस दौरान धक्का-मुक्की भी हुई। प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित अधिवक्ता कलेक्ट्री के गेट पर चढ़ गए और बाहर लगे बैरिकेड्स भी उखाड़ फेंके।

कोटा में भी घटना से आक्रोशित वकीलों ने न्यायिक कार्य स्थगित रखा। अभिभाषक परिषद कोटा की ओर से अदालत परिसर में रैली निकाली कर कलेक्ट्री पर प्रदर्शन किया। परिषद ने मुख्यमंत्री व राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया। और पीड़ित परिवार को एक करोड़ की आर्थिक सहायता व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग की। आपको बता दें कि कि गुरुवार को वकील हंसराज मावलिया ने अपने सुसाइड नोट में एसडीएम के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए आत्मदाह कर लिया था

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अजमेर में डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने 1 दिन का कार्य बहिष्कार कर विरोध जाहिर किया और इस मामले में सरकार से एसडीएम और एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। एसोसिएशन ने राज्य सरकार से मांग की है कि इस घटना के जिम्मेदार सभी अधिकारी व कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए और मृतक वकील के परिजनों को मुआवजा देकर राहत प्रदान की जाए। सचिव ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो राजस्थान में समस्त जिला बार एसोसिएशन इस घटना पर विचार विमर्श कर आगे की रणनीति तय करेगी।