धोखाधड़ी के एक मामले में जमानत देने के लिए एक जज (Judge)द्वारा पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। इसकी शिकायत के बाद ACB ने जज सहित तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इनमें से दो बिचौलियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। अब ACB जज की गिरफ़्तारी के लिए हाईकोर्ट (High Court ) जाएगी।
सतारा। मामला महाराष्ट्र (Maharashtra) के सतारा (Satara) जिले का है जहां के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (District and Sessions Judge) धनंजय लक्ष्मणराव निकम के खिलाफ पुणे (Pune) में स्टेट करप्शन ब्यूरो (ACB) ने मामला दर्ज किया गया है। जज पर आरोप है कि उन्होंने धोखाधड़ी के एक मामले में एक आरोपी को जमानत देने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एसीबी ने इस मामले में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। उनकी पहचान मुंबई (Mumbai) के वर्ली निवासी किशोर संभाजी खरात और सतारा के माण निवासी आनंद मोहन खरात के रूप में की गई है।
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ACB की पुणे यूनिट को एक 24 साल की महिला की तरफ से शिकायत मिली थी। इस महिला के पिता पुणे में स्थित आर्मी के संस्थान में सिविलियन डिफेंस कर्मचारी हैं। महिला के पिता को इस साल अक्टूबर में धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है तथा उनकी जमानत याचिका न्यायाधीश के समक्ष लंबित है। यह मामला क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट और पैसे के बदले सरकारी नौकरी देने के बहाने एक व्यक्ति को धोखा देने के आरोपों से संबंधित है। इस व्यक्ति द्वारा दायर जमानत याचिका को पहले ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद उच्च अदालत में मामला पहुंचा और जमानत की एप्लिकेशन जज निकम की अध्यक्षता वाली कोर्ट में लंबित है।
ACB के SP दयानंद गावडे ने बताया कि आरोपी के पक्ष में जमानत याचिका पर फैसला सुनाने के लिए किशोर खरात और आनंद खरात ने जज धनंजय लक्ष्मणराव निकम के कहने पर शिकायतकर्ता से पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी। इसके बाद महिला ने ACB से संपर्क किया। 3 दिसंबर और 9 दिसंबर के बीच जांच में शिकायत का सत्यापन हो गया। जांच में पुष्टि हुई कि आरोपी जज धनंजय लक्ष्मणराव निकम ने किशोर खरात और आनंद खरात के साथ मिलीभगत करके शिकायतकर्ता से उसके पिता को जमानत देने के लिए पांच लाख रुपये की मांग की थी। एक होटल में जब दो लोग रिश्वत की रकम लेने आए तभी वहां पर एसीबी की टीम ने छापा मारा। इसके बाद ACB जज निकम, किशोर खरात और आनंद खरात व एक अन्य अज्ञात आरोपी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इन धाराओं में केस दर्ज
एसीबी की पुणे यूनिट के डिप्टी एसपी दयानंद गावड़े ने कहा कि न्यायाधीश और उनके कथित सहयोगियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 7-ए (लोक सेवक से रिश्वत लेना) और 12 (अपराध के लिए उकसाना) तथा नई दंड संहिता बीएनएस की धारा 3 (5) (सामान्य इरादा) के तहत आरोप लगाए गए हैं। एसीबी के एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘हम न्यायाधीश को गिरफ्तार करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट की अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं।’
जज से मीटिंग हुई फिक्स
9 दिसंबर को शिकायतकर्ता महिला, जज के साथ सौदा करने के लिए सतारा पहुंची। जज से मीटिंग फिक्स थी। आरोप है कि जज अकेले ही कोर्ट परिसर के बाहर खुद गाड़ी चलाकर पहुंचे। यहां दो अन्य बिचौलिए उनका इंतजार कर रहे थे। आरोप है कि उसके निर्देश पर, दो बिचौलिए रिश्वत लेने के लिए एक होटल पहुंचे। महिला ने उनसे कहा कि वह जज के साथ उसकी मुलाकात फिक्स करने वाले व्यक्ति के अलावा वह किसी और को पैसे नहीं देगी।
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