‘लाज नहीं तुमको है आती’

व्यंग

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रवि कुमार गुप्ता



 

लाज नहीं तुमको है आती,
ये कैसा आंदोलन करते हो?
भारत माता की छाती पर, 
ट्रैक्टर लेकर चढ़ते हो।

किया जो है वो राजद्रोह है,
सोचा पुण्य तुम करते हो?
बलिदानों की इस धरती पर, 
पाठ गद्दारी का पढ़ते हो।

क्या करना था तुमको बोलो,
और भला क्या करते हो?
अपने वीर जवानों पर नहीं,
पत्थर लेकर बढ़ते हो।

बच्चा बच्चा देख रहा सब,
गौर ये तुम क्या करते हो? 
कभी नहीं हम होने देंगे, 
जो षड्यंत्र तुम गढ़ते हो।





 

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