यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा, ताउम्र रहेगा सलाखों के पीछे,10 लाख का जुर्माना, कश्मीर में बढ़ाई गई सुरक्षा, श्रीनगर में सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी

नई दिल्ली | नई हवा ब्यूरो 

दिल्ली की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने बुधवार को प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के केस में एनआईए ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। मलिक की सजा पर पहले 3.30 बजे फैसला आना था, फिर इसे 4 बजे तक के लिए टाल दिया गया इस बीच सजा के ऐलान से पहले ही अदालत के बाहर कई लोग तिरंगा लेकर पहुंच गए

उधर, जम्मू कश्मीर में यासीन के घर के पास उसके समर्थक नारेबाजी कर रहे हैं। सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया है। सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे हैं। इस दौरान जम्मू कश्मीर में यासीन मलिक के घर के पास लालचौक में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बताया जा रहा है कि ड्रोन से गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

दो मामलों में उम्रकैद और 5 में 10-10 लाख का जुर्माना भी
स्पेशल जज ने यासीन पर आईपीसी धारा 120 बी के तहत 10 साल, 10हजार जुर्माना। 121ए के तहत 10 साल की सजा 10 हजार जुर्माना वहीं 17UAPA के तहत आजीवन कारावास और 10 लाख जुर्माना लगाया गयाा है। UAPA की धारा 13 के तहत 5 साल की सजा, UAPA की धारा15 के तहत 10 साल की सजा, UAPA की धारा 18 के तहत 10 साल की सजा और 10 हजार जुर्माना, UAPA 20 के तहत 10 साल की सजा और 10 हजार जुर्माना, UAPA की धारा 38 और 39 के तहत 5 साल 5 हजार जुर्माना लगाया गया है।

कोर्ट ने ठहराया दोषी
कोर्ट ने माना है कि मलिक ने ‘आजादी’ के नाम जम्मू कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के मकसद से दुनिया भर में एक नेटवर्क स्थापित कर लिया था। NIA ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में 30 मई 2017 को केस दर्ज किया था। इस मामले में एक दर्जन के अधिक लोगों के खिलाफ 18 जनवरी 2018 को चार्जशीट फाइल की गई थी।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कोर्ट में कहा था, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने पाकिस्तान की आईएसआई के समर्थन से नागरिकों और सुरक्षाबलों पर हमला करके घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसा को अंजाम दिया

अपने गुनाह कबूल कर चुका यासीन
इससे पहले, बुधवार को मलिक की सजा पर बहस हुई। NIA ने यासीन के लिए फांसी की मांग की, वहीं यासीन के वकील उसके लिए उम्रकैद चाहते हैं। 19 मई की सुनवाई के दौरान यासीन अपने गुनाह कबूल कर चुका है। कोर्ट में NIA के स्पेशल जज प्रवीण सिंह ने कहा कि एनालिसिस से पता चलता है कि गवाहों के बयान और सुबूतों से लगभग सभी आरोपियों का एक-दूसरे से संपर्क और पाकिस्तानी फंडिंग साबित हुई है।

यासीन मलिक ने सुनवाई के दौरान कबूल कर लिया था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था
सजा से पहले पटियाला हाउस कोर्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी गई। वहीं, श्रीनगर के कई बाजार बंद हो गए। यहां लाल चौक समेत कई इलाकों में भारी फोर्स तैनात कर दिया गया है। यासीन मलिक के घर के बाहर लोगों की भीड़ जमा होने की जानकारी भी मिली है। उसके घर पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है।

बुधवार को फैसला आने से पहले कोर्ट पहुंचे यासीन ने कहा, ‘अगर मैं 28 साल के दौरान किसी आतंकवादी गतिविधि या हिंसा में शामिल रहा हूं और खुफिया एजेंसियां यह साबित करती हैं, तो मैं भी राजनीति से संन्यास ले लूंगा। मुझे फांसी मंजूर होगी। मैंने सात प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। मैं अपने लिए कुछ भी नहीं मांगूंगा। मैं अपनी किस्मत का फैसला अदालत पर छोड़ता हूं।’

यासीन मलिक पर क्या बोलीं रवि खन्ना की पत्नी
रवि खन्ना की पत्नी निर्मल खन्ना ने  यासीन मलिक को फांसी देने की मांग की। मलिक के बचाव में बोलने वालों पर कहा कि इन लोगों से जिनकी दुकानें चल रही थीं, वे तो बौखला ही जाएंगे। मेरे पति को मारने के बाद भी वह 32 साल जी लिया है और क्या चाहेगा। निर्मल खन्ना ने कहा कि मैं डॉ. मनमोहन सिंह को अपना प्रेरणास्रोत मानती थी, लेकिन जब उन्होंने यासीन मलिक से मुलाकात की तो मुझे दुख हुआ।

यासीन के अलावा इन अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोप तय
यासीन मलिक के अलावा अदालत ने शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट्ट, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख समेत अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ ये आरोप तय किए थे जांच एजेंसी द्वारा दायर की गई चार्जशीट में लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का भी नाम था फिलहाल वो इस मामले में भगोड़ा घोषित हो चुके हैं

सजा को लेकर क्या बोलीं महबूबा मुफ्ती
यासीन मलिक की सजा को लेकर पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, “फांसी देने से कश्मीर का मसला हल नहीं होगा, उल्टा खराब ही होगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक सियासी मसला है, यहां पहले भी कई लोगों को फांसी दी गई, उम्र कैद हो गई, लेकिन उससे तो कश्मीर मसला हल नहीं हुआ। मुझे लगता है कि भारत सरकार की जो राजनीति है इसके अंजाम अच्छे नहीं होंगे, बल्कि इससे हालात दिन पर दिन खराब होते जा रहे हैं। सुलझने के बजाय मसला उलझ रहा है।”

यासीन मलिक के समर्थन में उतरा पाकिस्तान
इस बीच पाकिस्तान में यासीन मलिक के समर्थन में आवाजें उठ रही हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ समेत पूर्व पीएम इमरान खान ने मलिक के समर्थन में ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने भी मलिक के समर्थन में ट्वीट किया है।

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