अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का फंदे से लटकता मिला शव, कमरे से मिला 7 पेज का सुसाइड नोट

प्रयागराज 

प्रयागराज में भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का शव प्रयागराज के उनके बाघंबरी मठ में ही फांसी के फंदे से लटकता मिला मौके पर पहुंची पुलिस ने तहकीकात शुरू कर दी है पुलिस को मौके से 6-7 पन्नों का सुसाइड बरामद हुआ है जिसमें महंत ने अपने विवादित शिष्य आनंद गिरि का नाम भी लिखा है

पुलिस के मुताबिक, जांच-पड़ताल की जा रही है। पोस्टमार्टम के बाद ही घटना का कारण साफ हो पाएगा। IG रेंज केपी सिंह ने बताया कि वह मौके पर पहुंच गए हैं। फिलहाल यह फांसी लगाकर आत्महत्या का मामला लग रहा है। फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल पर बुलाया गया है। मठ पर बड़ी संख्या में भक्त और श्रद्धालु भी पहुंच गए हैं।

महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनके कमरे से तलाशी के दौरान एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है सुसाइड नोट में उनके एक शिष्य का ज़िक्र किया गया है, जिसने महंत नरेंद्र गिरि को मानसिक तौर पर परेशान किया था पुलिस अब उस शिष्य को लेकर जांच में जुट गई है

जानकारी के मुताबिक, सोमवार को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की लाश बाघंबरी मठ में उनके कमरे में नाईलोन की रस्सी के फंदे पर लटकते मिली थी।  पुलिस को इस बारे में शाम करीब 5 बजकर 20 मिनट पर सूचना मिली थी।

पुलिस के मुताबिक बाघंबरी मठ में जहां महंत नरेंद्र गिरि का शव फंदे से लटकता मिला, वहां चारों तरफ से दरवाजे बंद थे. कमरे का मुख्य दरवाजा भी अंदर से बंद था।

आनंद गिरी को यूपी पुलिस पुलिस ने हिरासत में लिया
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी की मौत के मामले में उत्तराखंड पुलिस की मदद से यूपी पुलिस ने आनंद गिरी को अपनी हिरासत में ले लिया है इसके बाद आनंद गिरी से और पूछताछ हो सकती है इससे पहले आनंद गिरी ने यह इल्जाम लगाया कि ये यूपी पुलिस का षडयंत्र है आनंद गिरी ने किसी तरह से अपना हाथ होने से इनकार किया है

पुलिस ने जारी किया बयान
प्रयागराज पुलिस ने उनकी मौत को लेकर एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया कि मौका-ए-वारदात से 6-7 पेज का सुसाइड नोट मिला है बरामद किए गए सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि और अन्य शिष्यों के नाम का उल्लेख किया है उन्होंने सुसाइड नोट में माना कि वह कई कारणों से परेशान थे और इसी वजह से वे अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं उन्होंने लिखा कि वे हमेशा गर्व के साथ जीते रहे और लेकिन वे इसके बिना नहीं रह पाएंगे

वसीयतनामा
महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि आश्रम के बारे में क्या करना है और वसीयत नामा भी लिखा हैवसीयतनामे में लिखा है कि किसका ध्यान रखा जाना है किस को क्या दिया जाना है सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि मैंने आत्महत्या की है क्योंकि वे अपने शिष्य से दुखी थे

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