सब की बात
सीए. विनय गर्ग ‘मोहित’
अपने तो अपने होते हैं,
किसी की आंख का नूर
तो किसी के सपने होते हैं।
कोई कुछ भी कहे इनके बारे में,
मगर फिर भी
अपने तो अपने होते हैं।।
वो रुठ जाएं तो
मना लेना उनको,
दुनिया की भीड़ में गुम जाएं
तो ढूंढ़ लेना उनको।
हो सकता है अभी उसे
जरूरत न हो आपकी,
लेकिन फिर भी छोड़ न देना
उनको, क्यूँकि
अपने तो अपने होते हैं।।
क्या आपने ये खबरें भी पढ़ीं?
- अधिवक्ता पक्षकारों को अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचाने की कोशिश करें: जस्टिस सुदेश बंसल | वैर में वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय के नवनिर्मित भवन का हुआ लोकार्पण
- भरतपुर का हाल बेहाल: घरों पर बंदर जीने नहीं देते और बाहर आवारा सांड | आंख मूंद कर बैठा है नगर निगम
- लोकसभा चुनाव-2024: कांग्रेस की एक और कैंडिडेट ने लौटाया टिकट | बताई ये वजह
- भजनलाल सरकार का एक्शन; ERCP योजना की जमीनों की नीलामी निरस्त | किरोड़ी लाल मीणा ने की थी शिकायत
- हरित बृज सोसायटी ने शुरू किया परिंडे लगाने का महा अभियान
- वैर में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय का नया भवन तैयार, 4 मई को होगा लोकार्पण
- व्यापार महासंघ ने राजनैतिक दलों द्वारा व्यापारियों की उपेक्षा पर जताई चिंता | लगाया आरोप- किसी भी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में व्यापारियों का नहीं रखा ध्यान
- यूजीसी ने करियर एडवांसमेंट योजना में रेगुलेशन 2010 के विकल्प को 31 दिसंबर तक बढ़ाया
- अखिल भारतीय न्यायिक अधिकारी एसोसिएशन का गठन, जानें कौन क्या बना