जज ने नहीं सुना केस तो वकील ने रोक दी कोर्ट की कार्यवाही, फिर कर दी हाईकोर्ट में शिकायत | इसके बाद हुआ ये

सार: एक कोर्ट में एक वकीलअपने केस को  पहले सुनने के लिए अड़ गया। लेकिन जब जज ने सुनने से इंकार कर दिया तो वकील ने न केवल कोर्ट की कार्यवाही को रोक दिया बल्कि हाईकोर्ट जाकर जज की ही शिकायत कर दी।

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मामला कोलकाता की एक कोर्ट का है जहां वकील ने जज से कहा कि उसका मामला बहुत संवेदनशील है लिहाजा पहले उसे सुना जाए। लेकिन जज ने कहा कि उनके पास पहले से ही बहुत सारे केस लगे हैं। इसलिए वे केस को पहले नहीं सुन सकते। लेकिन वकील अपनी बात पर ऐडा रहा और उसने कोर्ट में लगे और मामलों की सुनवाई ही नहीं होने दी। बाद में उसने जज की शिकायत हाईकोर्ट में जाकर कर दी।

एडवोकेट का कहना था कि एक तो जज ने उसके बेहद अहम मामले की सुनवाई नहीं की। उलटा उसके खिलाफ बेहद तल्ख टिप्पणी कीं। वकील की मांग थी कि हाईकोर्ट ट्रायल कोर्ट के जज के खिलाफ एक्शन ले। उसका कहना था कि जज ने जो किया वो कानूनन बिलकुल भी सही नहीं था।

हाईकोर्ट बोला- जज ने कुछ गलत नहीं किया
कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस बिबेक चौधरी ने सारे मामले की सुनवाई  की और अपने फैसले में यह माना कि वकील का केस अहम था। ट्रायल कोर्ट के जज चाहते तो कुछ समय निकालकर मामले की सुनवाई तुरंत प्रभाव से कर सकते थे। लेकिन केस न सुनने की एवज में वकील ने जो कुछ किया वो बिलकुल भी स्वीकार्य योग्य नहीं है। किसी को भी ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। जज ने जो भी एक्शन वकील के खिलाफ लिया वो कानूनन सही है। किसी को भी अदालत की कार्यवाही में बाधा डालने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उनका कहना था कि वकील किसी भी पक्ष का हो, उसे ये अधिकार नहीं है कि वो कोर्ट की कार्यवाही में बाधा डाले। ऐसा होने दिया गया तो फिर जज काम कैसे कर पाएंगे।

इसलिए तुरंत सुनने की अपील कर रहा था वकील
मामले के मुताबिक अस्सी साल के कैंसर के मरीज की तरफ से एडवोकेट ने याचिका लगाकर अपील की थी कि उसके खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले की सुनवाई अदालत तुरंत प्रभाव से करे। उसका कहना था कि उसका मुवक्किल न केवल वृद्ध है बल्कि असाध्य बीमारी से पीड़ित भी है। ट्रायल कोर्ट के जज ने इस आधार पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया कि उनके पास पहले से ही बहुत सारे केस लगे हुए हैं। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एडवोकेट ने उनके सामने अपने केस को बयां करने के लिए बहुत थोड़ा वक्त लिया। उसने अपना सारा समय ट्रायल कोर्ट के जज की शिकायत करने के लिए लिया। जाहिर है कि उसका अपने केस से ज्यादा इंटरेस्ट जज के खिलाफ एक्शन में है।

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