जनरल बिपिन रावत के निधन के खबर सुनकर देश रह गया सन्न, जानिए ऐसे CDS के बारे में जो दुश्मनों की आंखों में खटकते रहे

श्रद्धांजलि

भारत के सैन्य इतिहास के सबसे बड़े हादसे में CDS जनरल बिपिन रावत के निधन के खबर सुनकर बुधवार को देश सन्न रह गया। भरोसा ही नहीं हुआ। पुष्टि के लिए मीडिया के दफ्तरों में मोबाइल की घंटियां घनघनाती रहीं। सभी प्रार्थना कर रहे थे कि  यह खबर गलत हो। यह सूचना देने के लिए पत्रकारों की कलम चल नहीं रही थी। पर मजबूरी थी; देनी पड़ी। घंटों तक खबर को रोक कर रखना पड़ा कि  शायद  सूचना  गलत साबित हो जाए। पर जब अधिकृत तौर पर पुष्टि हुई तो उसके बाद  देश की आंखें नम हो गईं। हम इस भयंकर हादसे में अपना सच्चा देशभक्त सपूत खो चुके थे।

ऐसा सपूत जिसने देश का पहला CDS बनते ही भारतीय सेना में क्रांतिकारी बदलाव की ठान ली थे। ये बदलाव सामने आने लगे थे। और इसीलिए चीन और पाकिस्तान की आंखों में खटकने लगे थे। यही वजह है कि लोग इसे हादसा मानने को तैयार नहीं थे। और इस हादसे को कोई बड़ी साजिश समझ रहे हैं। हालांकि यह बात तो जांच के बाद ही साफ़ हो पाएगी। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी  के आदेश हो भी गए हैं। सशस्त्र बलों के सामने अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत जैसे एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्यक्तियों को ले जाने वाला एक हेलिकॉप्टर कैसे दुर्घटनाग्रस्त हो गया? तमिलनाडु में कुन्नूर के जंगलों में MI-17 हेलिकॉप्टर क्रैश में रावत की  पत्नी मधुलिका समेत 13 लोगों की जानें चली गईं।

सैन्य माहौल में हुई परवरिश
CDS जनरल बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च, 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में लैंसडाउन के साइना गांव में चौहान राजपूत परिवार में  हुआ। जनरल रावत की माताजी परमार वंश से थीं। बिपिन रावत के पिता खुद लेफ्टनेंट जनरल थे और इस लिहाज से बिपिन रावत की परवरिश सैन्य माहौल में हुई। बिपिन रावत की शिक्षा देहरादून के लेंबरियन हॉल स्कूल और शिमला के एडवर्ड्स स्कूल से हुई।

अपने परिवार के साथ जनरल रावत

पढ़ाई पूरी करने के बाद ही चूंकि उनका ध्येय साफ था, इसलिए उन्होंने तुरंत NDA ज्वाइन किया और सेना में शामिल हो गए। दिसंबर 1978 में बिपिन रावत भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से ग्यारह गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किए गए। यहां उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर ‘से भी नवाजा गया।

परिवार की बात करें तो जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत जिनका भी इस हादसे में निधन हो गया , वे  AWWA यानी आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष रही हैं और पूरी शिद्दत से शहीदों के आश्रितों की भलाई के अभियान में सक्रिय काम किया।

जनरल बिपिन रावत और मधुलिका रावत की दो बेटियां है। बड़ी बेटी का नाम कृतिका रावत जबकि दूसरी बेटी का नाम तारिणी बताया गया है। कृतिका की शादी मुंबई में हुई है और वो वहीं रहती हैं। तारिणी अभी पढ़ाई कर रही हैं।

सर्जिकल स्‍ट्राइक को दिया था अंजाम
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत को आर्मी में ऊंचाई पर जंग लड़ने और काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशन यानी जवाबी कार्रवाई के एक्सपर्ट के तौर पर जाना जाता है साल 2016 में उरी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद  तत्कालीन आर्मी चीफ रावत के नेतृत्‍व में 29 सितंबर 2016 को पाकिस्‍तान में बसे आतंकी शिविरों को ध्‍वस्‍त करने के लिए सर्जिकल स्‍ट्राइक की गई थी बिपिन रावत ने इस मिशन को ट्रेंड पैरा कमांडोज के माध्यम से अंजाम दिया थाउरी में सेना के कैंप पर हुए हमले में कई जवानों के शहीद होने के बाद सेना ने पलटवार करते हुए सर्जिकल स्ट्राइक की थी बिपिन रावत ने आर्मी सर्विस के दौरान एलओसी, चीन बॉर्डर और नॉर्थ-ईस्ट में एक लंबा वक्त गुजारा था

सीडीएस बिपिन रावत डायनामिक अफसर थे। देश के अलग-अलग हिस्सों में काम कर चुके थे। खतरों वाले एरिया में उन्होंने बहुत काम किया। जम्मू-कश्मीर से लेकर नॉर्थ ईस्ट के राज्यों तक में वे रहे। एलएसी, एलओसी पर रहे। इसी कारण उन्हें बहुत लंबा ऑपरेशनल एक्सपीरियंस था। इन्हीं खूबियों के चलते पहले उन्हें पहले आर्मी चीफ बनाया गया और फिर देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस (CDS) नियुक्त किया गया। CDS बनते ही सेना में आमूल-चूल बदलाव करने में जुट गए।

रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हैं। उन्होंने 1 जनवरी 2020 को ​​​​​​​यह पद संभाला। रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक सेना प्रमुख के पद पर रहे।

रावत का हेलिकॉप्टर पहले भी क्रैश हुआ था, बच गए थे
जनरल बिपिन रावत एक बार पहले भी हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो चुके हैं। 3 फरवरी 2015 को उनका चीता हेलिकॉप्टर नगालैंड के दीमापुर में क्रैश हुआ था। तब बिपिन रावत लेफ्टिनेंट जनरल थे।

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