श्रद्धांजलि
डॉ. अंजीव अंजुम
एक स्वर अनंत में विलीन हो गया।
गायकी का ताज मानो आज खो गया।।
भारत की आन, बान, मान और शान थी।
सुर साज की धरा पर एक आसमान थी।
होठ उसके छूके गीत सब का हो गया।
गायकी का ताज मानो आज खो गया।
जिसके कंठों ने उतारी भाव आरती।
सरगमों पर झूमती थी जिसके भारती।
पावन निनाद वही पंचभूत हो गया।
गायकी का ताज मानो आज खो गया।
जिसकी लता सुरों से धड़कनों में रहा नाद।
नाम दिल पे अक्स रहेगा नयन में याद।
सुर का एक युग समय के संग सो गया।
गायकी का ताज मानो आज खो गया।
कोकिला के बिना लगे सूना सूना साज।
इक लता में खो गई ज्यों हिंद की आवाज।
मौन साज सुर का दुख में डुबो गया।
गायकी का ताज मानो आज खो गया।
(लेखक प्रधानाध्यापक एवं राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी जयपुर की पत्रिका ब्रजशतदल के सहसंपादक हैं )
——————————————————
राजस्थान में अब आएगी शराब की बहार, जनता को पिलाकर 15 हजार करोड़ वसूलेगी सरकार
हाथी पार नहीं कर पा रहे थे रेलवे ट्रैक, IAS ने शेयर किया वीडियो, जानिए फिर क्या हुआ
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए Good News: Dearness allowance बढ़ना तय, यहां जानिए डिटेल
बदल गया है DA के कैलकुलेशन का तरीका, जानिए अब किस तरह होगी गणना
February 2022 Vrat & Festival List: फरवरी 2022 के व्रत त्योहार, देखिए तीज-त्योहारों की पूरी लिस्ट