February 2022 Vrat & Festival List: फरवरी 2022 के व्रत त्‍योहार, देखिए तीज-त्योहारों की पूरी लिस्ट

फरवरी में कई अहम तीज-त्योहार पड़ रहे हैं। धार्मिक तीज-त्योहारों के अलावा कई अहम दिन फरवरी में  पड़ रहे हैं। फरवरी माह की 1 तारीख से व्रत-त्योहर की शुरूआत हो रही है। इसी माह में बसंत पंचमी भी मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, गुप्त नवरात्र के साथ ही मौनी अमावस्या, दुर्गाष्टमी, विश्वकर्मा जयंती, संकष्टी चतुर्थी, विजया एकादशी, सोम प्रदोष व्रत सहित करीब 21 व्रत-त्योहार  इस माह हैं।  हिंदू पंचांग के अनुसार अंग्रेजी कैलेंडर का दूसरा महीना फरवरी और हिंदू कैलेंडर का ग्यारहवां महीना माघ होता है।

धार्मिक तीज-त्योहारों के अलावा भी कई अहम दिन फरवरी में पड़ेंगे। 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश किया जाएगा। इसमें की जाने वाली घोषणाओं का असर देश के हर नागरिक पर पड़ेगा। 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाएगा और इस घातक बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक बनाने की पहल की जाएगी।

सनातन धर्म में माघ के महीने को सर्वाधिक पवित्र माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह महीना भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। पद्मपुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार श्रीहरि भगवान विष्णु व्रत, दान एवं तपस्या से ज्यादा इस महीने किसी पवित्र नदी में स्नान करने से प्रसन्न होते हैं। इसलिए इस महीने व्रत एवं त्योहारों का महत्व और भी बढ़ जाता है। आइए जानते हैं फरवरी 2022 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहारों की पूरी लिस्ट, ताकि आप पहले से ही तैयारी कर लें और विधि विधान से इन व्रत एवं त्योहारों को संपन्न कर सकें:

1 फरवरी:  स्नानदान की भौमवती अमावस्या/ मौनी अमावस्या
फरवरी माह की 1 तारीख को मौनी अमावस्या हैमाघ मास की अमावस्या का दिन भी बड़ा ही पवित्र और पुण्यकारी माना जाता है इस दिन नदी स्नान और दान का बड़ा महत्व है मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है इस मास को भी कार्तिक के समान पुण्य मास कहा गया है इस दिन मौन रहकर भगवत भजन करने का महत्व है

4 फरवरी : गणेश जयंती
मान्यता है कि माघ मासके शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को श्रीगणेश का जन्म हुआ था। हर माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को वैनायकी गणेश चतुर्थी व्रत कहते हैं। इस दिन गणेश का व्रत और उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, धन-दौलत, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि की प्राप्ति भी होती है

5 फरवरी : बसंत पंचमी
बसंत पंचमी पर्व वसंत ऋतु के आगमन का सूचक हैबसंत  ऋतुओं का राजा माना जाता हैवाणी की अधिष्ठात्रा देवी मां सरस्वती की आराधना का भी इस दिन विशेष महत्व हैमान्यता है कि पंचमी के दिन ही ज्ञान और कला की देवी सरस्वती  प्रकट हुई थीं। शिशुओं को इस दिन अक्षर ज्ञान कराने की भी प्रथा हैसरस्वती पूजन से पूर्व विधिपूर्वक कलश की स्थापना करनी चाहिए सर्वप्रथम गणेश, सूर्य, विष्णु, शंकर आदि की पूजा करके सरस्वती पूजन करना चाहिए

6 फरवरी: शीतला षष्ठी
शीतला षष्ठी माघ के शुक्ल पक्ष की षष्ठी है इस दिन शीतला देवी के पूजन का विधान है माता शीतला अपने भक्तों को संतानवान बनाती हैं तथा संतान को रोग मुक्त रहने का वरदान देती है इस दिन प्रातःकाल स्नानादि दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर शीतला देवी का षोडशोपचार पूर्वक पूजन करना चाहिए इस दिन देवी को बासी भोजन का भोग लगाकर बासी भोजन ही खाया जाता है

7 फरवरी: रथ सप्तमी
माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रथ सप्तमी या अचला सप्तमी कहते हैं मान्यता है कि भगवान सूर्य देव ने रथ सप्तमी के दिन पूरी दुनिया का ज्ञानवर्धन करना शुरू किया था अर्थात इसे भगवान सूर्य का जन्म दिवस भी माना जाता है सूर्य नारायण के निमित्त स्त्रियां इस दिन को  व्रत करती हैं  और सूर्य देव की पूजा अर्चना करती हैं इस दिन व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है

8 फरवरी: भीष्म अष्टमी / दुर्गाष्टमी
माघ शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भीष्म अष्टमी मनाई जाती है बाल-ब्रह्मचारी भीष्म पितामह की मृत्यु इस तिथि को हुई थी भीष्म अर्जुन के बाणों से घायल होकर शर-शैय़्य पर पड़े थे वह दृढ़ निश्चयी, गंभीर तथा निर्मल प्रकृति के थे इस दिन भीष्म पितामह के निमित्त तिलों के साथ तर्पण तथा श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को संतान की प्राप्ति होती है

12 फरवरी: जया एकादशी व्रत
माघ शुक्ल एकादशी जया एकादशी कहलाती है इस दिन भगवान केशव की पूजा की जाती है इस व्रत को करने वाले को भूत, प्रेत, पिशाच आदि निकृष्ट योनियों में जाने का भय नहीं रहता उसके अनेक जन्मों के पाप तथा दोष नष्ट हो जाते हैं तथा वह इस लोक व परलोक में सुख प्राप्त करता है

14 फरवरी और  28 फरवरी: सोम प्रदोष व्रत
फरवरी में दो प्रदोष व्रत हैं जिसमें से एक रवि प्रदोष व्रत है और दूसरा सोम प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत में भगवान शंकर की पूजा करने का विधान है। सोम प्रदोष व्रत मुख्य रूप से पाप मुक्ति के लिए शुभ होता है हालांकि अन्य दिनों में पड़ने वाले प्रदोष व्रत सुख-समृद्धि, शांति, आरोग्य, धन-धान्य आदि देते हैं इस दिन सायंकाल के समय शिवजी की पूजा करना विशेष फलदायी होता है मंदिर जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से मनोवांछित फल मिलता है

16 फरवरी: माघी पूर्णिमा
माघ माह की अंतिम तिथि माघी पूर्णिमा तिथि होती है यह दिन भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए अच्छा होता है इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान, जाप और व्रत करने से सूर्यदेव का आर्शीवाद और मोक्ष की प्राप्ति होती हैसाथ ही रोग भी दूर होते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है

19 फरवरी: संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत
विपदाओं को हरने वाले विघ्नहर्ता की पूजा अर्चना का इस दिन विशेष महत्व बताया गया है इस दिन पूजा-पाठ और भजन करने से सुखों की प्राप्ति होती है और भगवान गणेश की कृपा मिलती है

27 फरवरी : विजया एकादशी व्रत
फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी मनाई जाती है इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती हैव्रत के प्रभाव से दुःख दारिद्रय दूर होकर समस्त कार्यों में विजय प्राप्त होती है ऐसी मान्यता है कि फाल्गुन कृष्ण एकादशी के दिन ही भगवान राम लंका पर आक्रमण करने के लिए समुद्र तट पर पहुंचे थे ऋषियों की सलाह पर उन्होंने  लंका पर चढ़ाई करते समय विजय की कामना से यह व्रत किया था

28 फरवरी: महाशिवरात्रि व्रत
शिवरात्रि का व्रत फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी को होता है कहीं-कहीं लोग चतुर्दशी के दिन भी इस व्रत को करते हैं यह भगवान शंकर का अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है इस व्रत को हर कोई कर सकता है इस दिन गंगाजल और दूध से भगवान शंकर के शिवलिंग की पूजा करने से विशेष लाभ मिलते हैं

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