PNB का नया घोटाला: क्या बैंकिंग सिस्टम में सुधार की जरूरत है?

संपादकीय

योगेंद्र गुप्ता, संपादक, नई हवा. कॉम  


पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में ₹270.57 करोड़ का नया घोटाला सामने आने के बाद एक बार फिर देश के बैंकिंग सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं। ओडिशा स्थित गुप्ता पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा अंजाम दिए गए इस फ्रॉड ने PNB की साख पर एक और दाग लगा दिया है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस घोटाले के बावजूद बैंक के शेयरों में हलचल नहीं रुकी। बल्कि, PNB के स्टॉक में उछाल देखने को मिला। यह विरोधाभास कई सवाल खड़े करता है—क्या निवेशकों को अब घोटालों से फर्क नहीं पड़ता? या फिर बाजार को पहले से इसकी भनक थी?

PNB: घोटालों का इतिहास दोहरा रहा है?
यह पहली बार नहीं है जब PNB किसी बड़े घोटाले की चपेट में आया है। 2018 में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा किए गए ₹13,000 करोड़ के घोटाले ने पूरे देश को हिला दिया था। तब बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता की कमी और लोन अप्रूवल प्रक्रिया में खामियां उजागर हुई थीं। आज, 6 साल बाद, PNB फिर सुर्खियों में है। क्या 2018 के घोटाले से कोई सीख नहीं ली गई? या फिर बैंकिंग सिस्टम में अभी भी ऐसे छेद हैं जिनका फायदा उठाकर कंपनियां अरबों की धोखाधड़ी कर रही हैं?

घोटाले और शेयर बाजार: क्या है सच्चाई?
सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि घोटाले की खबर आने के बावजूद PNB के शेयरों में 1.25% की तेजी देखी गई। आमतौर पर, जब किसी बैंक में इतना बड़ा घोटाला सामने आता है, तो उसका सीधा असर निवेशकों के विश्वास पर पड़ता है और स्टॉक में गिरावट होती है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। क्या यह इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला हो सकता है? क्या बाजार को पहले से इस घोटाले की खबर थी और यह पहले ही ‘प्राइस इन’ हो चुका था? PNB के शेयर पिछले एक साल में 27% टूट चुके हैं, और इस साल अब तक इसमें 10% की गिरावट आई है। इसके बावजूद, घोटाला सामने आने के बाद उछाल ने कई निवेशकों को चौंका दिया है।

बैंकिंग फ्रॉड क्यों बढ़ रहे हैं?

आंकड़े डराने वाले हैं।

  • 2024 में बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले 27% बढ़े हैं।
  • चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 18,461 बैंक फ्रॉड दर्ज हुए।
  • फ्रॉड की कुल राशि ₹21,367 करोड़ पहुंच गई, जो पिछले साल के मुकाबले 8 गुना ज्यादा है।

ये आंकड़े साफ दिखाते हैं कि भारत के बैंकिंग सिस्टम में बड़ी खामियां हैं। सरकार और रिजर्व बैंक बार-बार नियमों को कड़ा करने की बात करते हैं, लेकिन ग्राउंड रियलिटी में घोटाले रुक नहीं रहे।

क्या बैंकिंग सिस्टम में बदलाव की जरूरत है?
बैंकिंग फ्रॉड को रोकने के लिए सिर्फ नए नियम बनाने से कुछ नहीं होगा, बल्कि इन्हें सख्ती से लागू करना भी जरूरी है। इसके लिए कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे:

  1. लोन अप्रूवल प्रक्रिया में पारदर्शिता – बड़े लोन देने से पहले कंपनियों की गहराई से जांच होनी चाहिए।
  2. बैंक अधिकारियों की जवाबदेही – हर फ्रॉड में बैंक अधिकारियों की मिलीभगत की संभावना होती है। ऐसे मामलों में सख्त सजा होनी चाहिए।
  3. रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम – फ्रॉड ट्रांजेक्शन को तुरंत पकड़ने के लिए AI और मशीन लर्निंग का उपयोग किया जाना चाहिए।
  4. घोटाले के दोषियों पर तेज कार्रवाई – कई मामलों में दोषियों को पकड़ने में सालों लग जाते हैं। इससे बचने के लिए तेजी से जांच और सुनवाई होनी चाहिए।

अंत में: क्या PNB फिर से पटरी पर आ पाएगा?
PNB के लिए यह घोटाला एक और बड़ा झटका है। हालांकि, बैंक ने इस राशि का पहले ही प्रावधान कर लिया था, इसलिए इसकी बैलेंस शीट पर तत्काल असर नहीं पड़ेगा। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर बैंक की छवि और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। निवेशकों को अब सोचना होगा—क्या PNB एक मजबूत बैंक बना रह पाएगा, या यह घोटालों की दलदल में फंसता जाएगा? अब देखना यह है कि RBI और सरकार इस पर क्या कार्रवाई करते हैं, और क्या भारतीय बैंकिंग सेक्टर आने वाले वर्षों में घोटालों से मुक्त हो पाएगा।

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