योगेन्द्र गुप्ता
जयपुर। कोरोना महामारी के बीच लोगों की उखड़ती सांसों को थामने में राजस्थान का शिक्षा विभाग अपनी मदद करेगा। देश में शायद पहली बार किसी का इस ओर ध्यान गया है। देश के दूसरे राज्य भी इस पहल को शुरू कर लोगों की उखड़ती सांसों को थाम कर उनका जीवन बचा सकते हैं। लोगों की उखड़ती सांसों को थामने के लिए राजस्थान का शिक्षा विभाग अपनी प्रयोगशालाओं का उपयोग करने जा रहा है। दरअसल इन प्रयोगशालाओं में बड़ी तादाद में ऑक्सीजन सिलेंडर यूं ही पड़े हुए हैं।ऑक्सीजन सिलेंडर की क्राइसिस के बीच किसी का इस ओर ध्यान ही नहीं गया था कि इनका भी उपयोग लोगों की उखड़ती सांसों को थामने में किया जा सकता है। किसी ने इसका सुझाव दिया तो विभाग के उच्च अधिकारियों को जम गया और 9 मई को इसके आदेश भी जारी कर दिए गए। इन आदेशों की एक प्रति ‘नई हवा’ के पास भी है।
दरअसल सरकारी और निजी स्कूलों की प्रयोगशालाओं में ऑक्सीजन सिलेंडर प्रेक्टीकल में काम आते रहते हैं। कोरोनाकल में ये सब प्रयोगशालाएं बंद पड़ी हैं। लिहाजा ये ऑक्सीजन सिलेंडर कोई काम नहीं आ रहे। दूसरी ओर देश में ऑक्सीजन सिलेंडर की जबरदस्त किल्लत बनी हुई है। ऐसे में राजस्थान में किसी का सुझाव आया कि क्यों न सरकारी स्कूलों की लैब में रखे ऑक्सीजन सिलेंडर का इस किल्लत को दूर करने में इस्तेमाल किया जाए। यह सुझाव सामने आने के बाद राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद्, जयपुर के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक,डा० भंवर लाल ने 9 मई को इन लैब के ऑक्सीजन सिलेंडर का लोगों का जीवन बचाने के लिए उपयोग करने के आदेश जारी कर दिए गए। इन आदेशों में राजस्थान के के सभी पदेन जिला परियोजना समन्वयक एवं मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों कप निर्देश दी गए हैं कि वर्तमान कोविड संक्रमण संकट में अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस सिलेंडरो की मांग को देखते हुए अपने अधीनस्थ हेल्थ केयर संचालित विद्यालयों की प्रयोगशालाओं में उपलब्ध ऑक्सीजन गैस सिलेंडरो को, जिला प्रशासन से समन्वय कर उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें। साथ ही ऑक्सीजन गैस सिलेंडरो का रिकॉर्ड संधारण कर की गई कार्यवाही से परिषद् कार्यालय को अवगत कराएं।
332 विद्यालयों में हैं ऑक्सीजन सिलेंडर
‘नई हवा’ को मिली सूची के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा योजनान्तर्गत राज्य में हेल्थ केयर ट्रेड संचालित 332 विद्यालय हैं और इन सभी की प्रयोगशालाओं में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए गए थे। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद्, जयपुर के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक,डा० भंवर लाल ने अपने आदेशों में निर्देशित किया है कि इन ऑक्सीजन सिलेंडर का मानव रक्षा में प्रशासन से तालमेल कर इस्तेमाल किया जाए। इन 332 विद्यालयों की सूची यहां दी जा रही है जिनमें ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता बताई गई है।
यहां देखें सूची:
कॉलेज,विश्वविद्यालयों और निजी विद्यालयों की प्रयोगशालाओं को भी खंगाला जाए
सरकारी विद्यालयों की तरह सभी निजी विद्यालयों और कॉलेज, विश्वविद्यालयों (सरकारी व् निजी) में भी लैब स्थापित हैं और इन दिनों किसी में भी कोई काम नहीं हो रहा। यही स्थति टैक्नीकल संस्थानों की है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन लैब के ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग भी इस मानव जीवन को बचाने के संकट में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे ऑक्सीजन सिलेंडर की एक बहुत बड़ी क्राइसिस को दूर करने में मदद मिल सकती है।
देश के दूसरे राज्य भी करें ऐसी पहल
राजस्थान की तरह देश के दूसरे राज्य भी इस तरह की पहल कर अपने यहां भी ऑक्सीजन सिलेंडर की एक बहुत बड़ी क्राइसिस को दूर कर सकते हैं। सम्पूर्ण देश के सभी सरकारे व् निजी कॉलेज, विश्वविद्यालयों और निजी विद्यालयों की प्रयोगशालाओं का हिसाब लगाया जाए तो इन संस्थानों की संख्या लाखों में बैठेगी। देश को ये संस्थान देश को एक बहुत बड़ी समस्या से बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं।
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