कविता

निखिल गर्ग
ज़िन्दगी,
तू मुझे हँसना सिखा,
मुश्किलों से बचना नहीं,
उनसे लड़ना सिखा।
कल्पना के परिंदों को
आशाओं के आसमां में
उड़ना सिखा,
जिज्ञासा के समंदर से
ज्ञान का मोती निकालना सिखा।
ख्वाइशों को
इरादों में बदलना सिखा,
मंज़िलों को पाने का जुनून,
मुझे रखना सिखा।
ऊंचाइयों पर
अपनों को साथ लेकर चलना सिखा,
और ऊँची उड़ानों में,
होश मुझे संभालना सिखा।
सिखा ये सब ताकि,
लिख सकूँ
तेरे सुनहरे पन्नो में,
वो सब बातें,
जो मेरे सीखने से
तू और भी हसीन होती चली गई।
( एपी. इंडस्ट्रीज, E-16, इंडस्ट्रियल एरिया, सीकर। लेखक IIT, Dhanbad में B.Tech. में अध्ययनरत हैं)
क्या आपने ये खबरें भी पढ़ीं?
- दीपावली पर स्वच्छता के सच्चे नायकों का सम्मान | वार्ड 43 में पार्षद दीपक मुदगल ने सफाई कर्मियों को किया सम्मानित
- 30 सालों से जारी भक्ति की परंपरा | दौसा में 25 फीट ऊंचे गोवर्धन महाराज की भव्य झांकी ने मोहा मन
- बैंकिंग में क्रांति आने वाली है | आरबीआई ने जारी किए 238 नए नियम, लॉकर से लेकर लोन और साइबर ठगी तक सब बदल जाएगा
- प्यार में शक, और शक ने ले ली ज़िंदगी | जयपुर में पति ने पत्नी को मार डाला, फिर खुद फंदे पर झूल गया
- राजस्थान पुलिस में बड़ा फेरबदल, 34 IPS अफसरों के तबादले | जयपुर को मिला नया पुलिस कमिश्नर, सचिन मित्तल संभालेंगे कमान | देखें पूरी लिस्ट
- दर्शन से लौटते वक्त काल ने घेर लिया | जयपुर में सड़क हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की गई जान
- पॉश इलाके में महिला जज से लूट | चैन स्नेचिंग से मचा हड़कंप, चेहरे पर आई चोटें
- जयपुर के वार्ड 70 में स्वच्छता योद्धाओं को मिला दीपावली पर सम्मान | पार्षद निवास पर हुआ भव्य समारोह
- सड़क पर अब नहीं चलेगी ‘मूक सवारी’ | इलेक्ट्रिक वाहनों में लगेगा साउंड सिस्टम, जानें कब से लागू होगा नया नियम
- जयपुर में एक बाइक पर पांच सवार, घुमाव पर नहीं घूम पाया हैंडल | फिसल गईं जिंदगियां — पति-पत्नी और भतीजी की मौत