नई दिल्ली
22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर में बैसरन घाटी (Baisaran Valley) की वादियों में जो नरसंहार हुआ, उसकी गर्मी अब देश की रगों में दौड़ रही है — और भारतीय सेना (Indian Army) ने उसका जवाब बारूद से दिया है। शुक्रवार (25 अप्रैल) को सुरक्षाबलों ने आतंकी साजिश के मास्टरमाइंड आदिल हुसैन थोकर के घर को धमाके से उड़ा दिया, जबकि उसके साथी आसिफ शेख के त्राल स्थित घर को बुलडोजर चलाकर ज़मीन में मिला दिया गया। ये वही दो चेहरे हैं, जो लश्कर-ए-तैयबा की उस खूनी टीम का हिस्सा थे जिसने निहत्थे सैलानियों को गोलियों से छलनी कर दिया था। इस बीच खबर मिली है कि भारतीय सेना और आतंकवादियों के बीच शुक्रवार (25 अप्रैल) को मुठभेड़ हुई जिसमें सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के (एलईटी) के शीर्ष कमांडर अल्ताफ लाली को ढेर कर दिया। इसमें हुई गोलीबारी में दो सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं।
गद्दारी की जड़ें उजाड़ने का मिशन
अनंतनाग जिले के बिजबेहरा के गोरी इलाके में आतंकी आदिल के घर पर जब सुरक्षा बल पहुंचे, तो वहां एक संदिग्ध बॉक्स मिला — जांच में पता चला कि उसमें विस्फोटक सामग्री थी। मौके पर ही फैसला हुआ — और कुछ देर बाद, आदिल के घर की ईंटें हवा में उड़ रही थीं। उधर त्राल में, आतंकी आसिफ शेख के घर पर बुलडोजर चला — एक-एक दीवार को नेस्तनाबूद कर दिया गया।
पहलगाम हमले में शामिल आतंकी का घर सुरक्षाबलों ने बम से उड़ाया, दूसरे का घर बुलडोजर से गिराया- VIDEO pic.twitter.com/klO6L8fRbE
— Raju Sharma (@RajuSha98211687) April 25, 2025
साजिश पाकिस्तान से, वारदात भारत में
ये दोनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं। आदिल हुसैन थोकर ने 2018 में अटारी-वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान में घुसपैठ की थी, और वहां टेरर कैंप में ट्रेनिंग लेकर पिछले साल लौट आया था। आसिफ शेख कश्मीर का स्थानीय है लेकिन दिमाग पाकिस्तान के एजेंडे से भरा हुआ है।
इन दोनों पर न सिर्फ हमले को अंजाम देने का आरोप है, बल्कि ये भी पक्की जानकारी है कि पाकिस्तान से आए आतंकियों की इन दोनों ने हर कदम पर मदद की।
और जब 22 अप्रैल को स्टील-टिप गोलियों, बॉडी कैमरों और AK-47 से लैस 4 लश्करियों ने बैसरन घाटी में 26 बेगुनाहों को चुन-चुनकर मारा — तो इन्हीं की मदद से वो नरसंहार हुआ।
पहलगाम हमले के चश्मदीदों के मुताबिक कुछ आतंकी आपस में पश्तो भाषा में बात कर रहे थे — यानी साफ है कि हमले में पाकिस्तान से आए आतंकी शामिल थे। भले ही जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)’ ने ली हो, लेकिन ये सिर्फ एक मुखौटा है — असली चेहरा लश्कर-ए-तैयबा का है। TRF का मकसद है हमले को लोकल आतंकी गतिविधि दिखाकर पाकिस्तान को बचाना। पर अब पर्दा हट चुका है।
PM मोदी थे असली निशाना?
सूत्रों की मानें तो इन आतंकियों की असली योजना 19 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कटरा यात्रा के दौरान हमला करने की थी, लेकिन वो योजना रद्द हो गई। इसके बाद बैसरन को चुना गया — जहां आम नागरिकों, बच्चों, और छुट्टी पर आए एक IB अधिकारी तक को मौत के घाट उतार दिया गया। बिहार निवासी मनीष रंजन, जो हैदराबाद में तैनात थे, अपने परिवार के साथ छुट्टियां मना रहे थे — और लाशों के ढेर में एक लाश उनकी भी थी।

सुबह से चल रही मुठभेड़
इस बीच बांदीपोरा के कुलनार बाजीपोरा इलाके में आतंकियों के छिपे होने सूचना मिलने पर सेना और पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया। जैसे ही जवान इलाके में पहुंचे तो आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। सेना ने भी गोलियां दागना शुरू कर दिया। शुक्रवार सुबह से सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी अल्ताफ ढेर हो गया।
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