नई दिल्ली
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission- UGC) ने कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए एक बड़ी राहत दी है। UGC ने विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर भर्ती के लिए पीएचडी डिग्री की आवश्यकता को खत्म कर दिया है।
एक रिपोर्ट्स के अनुसार UGC ने कोविड19 के मद्देनजर विश्वविद्यालयों के विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसर्स (Assistant Professors) की सीधी भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यता के रूप में पीएचडी डिग्री को 1 जुलाई 2021 से आगे बढ़ाकर 1 जुलाई, 2023 तक कर दिया है।
यूजीसी ने इस फैसले के संबंध में सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को एक परिपत्र जारी किया है। उम्मीदवारों को यह राहत इसलिए दी गई है कि, जिससे यूनिवर्सिटी में खाली पड़े शिक्षकों की भर्ती की जा सके। पिछले दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड के कारण केवल इस साल पीएचडी अनिवार्यता के लिए रोक लगी है, लेकिन इसे रद्द नहीं किया गया है।
आपको बता दें कि पिछले साल कोरोना महामारी के चलते कई कैंडिडेट्स अपनी पीएचडी डिग्री को समय से पूरा नहीं कर पाए हैं, जिसके चलते उन्होंने सरकार से नियमों में राहत देने की मांग की थी। UGC ने साल 2018 में विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर पोस्ट पर भर्ती के लिए पीएचडी डिग्री को अनिवार्य कर दिया था।
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