स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालयों में फ़िलहाल नहीं होगी शिक्षकों की भर्ती, गेस्ट फैकल्टी से चलाना होगा काम

योगेन्द्र गुप्ता 


स्थाई भर्ती की आस लगाए बैठे लाखों अभ्यर्थियों के टूट गए सपने, पूछ रहे हैं कि फिर उसने नए महाविद्यालय और विद्यालय खोले ही क्यों?


अब राजस्थान सरकार स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर स्थाई भर्ती करने की बजाए बैकडोर से अध्यापक, प्रशिक्षक,अनुदेशक और प्रयोगशाला सहायक  गेस्ट फैकल्टी के रूप में रखने जा रही है। इससे उन हजारों अभ्यर्थियों के सपने टूटने वाले हैं जो सालों से स्थाई भर्ती की आस लगाए बैठे थे।
आपको बता दें कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों, कॉलेजों व यूनिवर्सिटी में सालों से शिक्षकों के हजारों  पद खाली पड़े हैं। इससे इन शिक्षण संस्थानों में अध्यापन की व्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई है। सरकार ने इस चरमराई शिक्षण व्यवस्था को ढर्रे पर लाने  के बारे में सोचा तो सही, पर उसने रिक्त पदों को भरने के बजाए  गेस्ट फैकल्टी के रूप में भर्ती करने की पतली गली निकाल ली। यानी प्रदेश के स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालयों में जल्दी ही नए शिक्षकों की भर्ती नहीं होने जा रही। हालांकि सरकार कह यह रही है कि अध्यापन पर पड़ रहे विपरीत प्रभावाें को रोकने के लिए यह कवायद की जा रही है। पर उसकी नीयत पर सवाल उठ रहे हैं कि जब रिक्त पदों को भरना ही नहीं था तो फिर उसने नए महाविद्यालय और विद्यालय खोलने की घोषणा किस बिना पर की? जानकारी में आया है कि गेस्ट फैकल्टी से काम चलाने की यह व्यवस्था तब तक जारी रहेगी जब तक कि स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालयों में नई भर्ती नहीं हो जाती और यह नई भर्ती प्रक्रिया कब तक शुरू होगी, इसका कोई ठोस कार्यक्रम या सरकार का संकल्प अभी तक सामने नहीं आया है। फ़िलहाल वित्त विभाग की ओर से गेस्ट फैकल्टी नियुक्त किए जाने के दिशा-निर्देश राजस्थान लोक सेवा आयोग के पास पहुंच चुके हैं।

सरकार ने माना कि भर्ती प्रक्रिया में होगी देरी
दिलचस्प बात ये है कि स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालयों में गेस्ट फैकल्टी के रूप में शिक्षकों की नियुक्ति के निर्देश जारी करते समय राजस्थान की गहलोत सरकार यह मान चुकी है कि स्थाई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की अभी कोई सम्भावना नहीं है। उसके निर्देशों में साफ बताया गया है कि नियुक्ति प्रक्रिया में विलंब को देखते हुए विभाग नियमों में प्रावधित अत्यावश्यक अस्थायी आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया को आरंभ कर दें। हालांकि सरकार ने इन निर्देशों में साथ में यह भी जोड़ा कि सम्बन्धित स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालय प्रति वर्ष शैक्षिक सत्र आरंभ होने से पूर्व रिक्त पदों का आंकलन करें और सरकार को अपने यहां के नियमित नियुक्ति के प्रस्ताव भेजें। इसके बाद सरकार इन प्रस्तावों को भर्ती के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए भर्ती संस्था को भेजेगी।

सरकार ने यह बताई है वजह
शासन सचिव वित्त डॉ.पृथ्वी की ओर से जारी आदेशों  के अनुसार  विभिन्न विभागों में शिक्षण कार्यों में शिक्षकों/ प्रशिक्षण के रिक्त पद होने के कारण नियमित अध्यापन कार्य में व्यवधान उत्पन्न होता है एवं विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। लिहाजा इन संस्थानों में अध्यापन व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए ‘विद्या संबल योजना’ लागू की जा रही है।

गेस्ट फैकल्टी को यह मिलेगा मानदेय
राजस्थान सरकार ने स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालयों में नई भर्ती प्रक्रिया को रोक कर अपना अपना खर्चा बचा लिया है। उसने कौनसी  गेस्ट फैकल्टी को कितना मानदेय देना है, यह भी तय कर दिया है। आदेशों के अनुसार अध्यापक या प्रशिक्षक ग्रेड थर्ड कक्षा 1 से 8 तक रखने पर प्रति घंटे 300 रुपए और अधिकतम मासिक 21 हजार रुपए, ग्रेड सेकेंड कक्षा 9 से 10 के लिए प्रति घंटा 350 रुपए और मासिक अधिकतम 25 हजार रुपए तथा ग्रेड प्रथम कक्षा 11 व 12 प्रति घंटे मानदेय 400 रुपए और अधिकतम मासिक मानदेय 30 हजार रुपए दिया जाएगा। अनुदेशक को 21 हजार रुपए मासिक और प्रयोगशाला सहायक को भी 21 हजार रुपए मासिक देने का प्रावधान किया गया है। विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, तकनीकी महाविद्यालय और पॉलिटेक्निक काॅलेजों में असिस्टेंड प्रोफेसर (सहायक आचार्य) को प्रति घंटा 800 रुपए और अधिकतम मासिक मानदेय 45 हजार रुपए, सह आचार्य को एक हजार रुपए प्रति घंटा और अधिकतम मासिक 52 हजार रुपए मानदेय तथा आचार्य को प्रति घंटा 1200 रुपए और अधिकतम मासिक मानदेय 60 हजार रुपए दिया जाएगा।

गेस्ट फैकल्टी रखने की यह रखी है शर्त
सरकार के निर्देशों के अनुसार गेस्ट फैकल्टी केवल स्वीकृत रिक्त पद के विरूद्ध ली जा सकेगी। विभाग का मुख्यालय जिलेवार और संस्थावार गेस्ट फैकल्टी की आवश्यकता का आंकलन कर प्रत्येक जिला मुख्यालय पर विभाग का नोडल अधिकारी मनोनीत कर, यह विवरण नोडल अधिकारी को उपलब्ध कराएगा। संबंधित सेवा नियमों में अंकित योग्यता आदि की पात्रता रखने वाले सेवानिवृत्त कार्मिक / निजी अभ्यार्थियों को गेस्ट फैकल्टी के रूप में लगाया जा सकेगा। संस्थान प्रधान सीधे ही अपने स्तर पर संस्था में रिक्त चल रहे पदों पर संबंधित सेवा नियमों में अंकित योग्यता आदि की पात्रता रखने वाले सेवानिवृत्त् कार्मिक /निजी अभ्यर्थियों का परिपत्र में वर्णित दरों पर बजट उपलब्धता की शर्त के अधीन गेस्ट फैकल्टी रख सकेंगे ।

जिला स्तरीय समिति के माध्यम से ऐसे होगा गेस्ट फैकल्टी का चयन
प्रत्येक जिले में एक जिला स्तरीय समिति होगी, जिसके अध्यक्ष जिलाधिकारी अथवा उनके द्वारा मनोनीत अधिकारी होंगे। इस समिति का सदस्य सचिव संबंधित विभाग का जिला स्तरीय अधिकारी अथवा विभागीय नोडल अधिकारी होगा। शैक्षिक सत्र के आरंभ होने से पूर्व जिला मुख्यालय पर उक्त समिति द्वारा सार्वजनिक सूचना तैयार कर निर्धारित योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों से ब्लॉकवार-संस्थावार आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे, उक्त समिति निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक परीक्षा में प्राप्त प्राप्तांकों के आधार पर वरीयता सूची तैयार करेगी तथा वरीयता सूची के आधार पर गेस्ट फैकल्टी की सेवा वरीयता क्रम में उनकी उपलब्धता के आधार पर ली जाएगी। चयन समिति का संबंधित विभाग के लिए जिला स्तर पर योग्य अभ्यर्थियों का पैनल तैयार किया जाएगा | प्रत्येक रिक्ति के विरुद्ध यथासंभव 3 अभ्यर्थियों का पैनल तैयार किया जाएगा। यह पैनल ब्लॉकवार होगा, जिसमें विषयवार, कक्षावार आवश्यकता का ध्यान रखा जाएगा।