नेपाल में संसद फूंकी, मंत्रियों को भीड़ ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा को भी घर में घुसकर पीटा, पीएम ओली ने दिया इस्तीफा | देखें वीडियो

काठमांडू

नेपाल (Nepal) में पिछले 48 घंटों से चले आ रहे हिंसक प्रदर्शनों ने अब राजधानी काठमांडु (Kathmandu) को युद्धभूमि बना दिया है। मंगलवार दोपहर भीड़ संसद भवन के  दरवाज़े तोड़कर अंदर घुस गईऔर आग लगा दी। सिंहदरबार और सर्वोच्च न्यायालय पर भी कब्ज़ा कर लिया। गुस्साई भीड़ ने वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, लात मारकर गिरा दिया। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल का आवास भी प्रदर्शनकारियों के हमले से नहीं बच पाया। इसी अफरातफरी के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पद छोड़ने का ऐलान कर दिया। राष्ट्रपति राम चंद्र ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की पेशकश की और शांति की अपील की। उनके इस्तीफे की खबरें गलत साबित हुईं। इसके बावजूद सड़कों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा।

संसद से सिंह दरबार तक कब्ज़ा

प्रदर्शनकारियों ने आज संसद भवन में धावा बोल दिया और भीतर आग लगा दी। सिंहदरबार और सर्वोच्च न्यायालय जैसी तीन प्रमुख इमारतें अब पूरी तरह उनके कब्जे में हैं। हालात इतने बेकाबू हो गए कि राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निजी आवास तक पर हमला हुआ, वहां तोड़फोड़ और आगजनी की गई।

वित्त मंत्री को लात-घूंसों से पीटा

सबसे सनसनीखेज़ दृश्य मंगलवार को सामने आया जब वित्त मंत्री विष्णु प्रसाद पौडेल को गली में दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। वायरल वीडियो में मंत्री पौडेल को भागते, गिरते और प्रदर्शनकारियों के लातों से पिटते देखा जा सकता है। वहीं प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी आरजू राणा को भी  उनके घर में घुसकर पीटा।

19 मौतें, 400 से ज्यादा घायल

सोशल मीडिया पर बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ भड़के इस आंदोलन ने अब तक 19 लोगों की जान ले ली है और 400 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। जगह-जगह कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकियाँ, सरकारी दफ्तर और नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया।

मंत्रियों के घर जले

ओली के इस्तीफे से पहले ही चार मंत्री पद छोड़ चुके थे। अब हालात ऐसे हैं कि भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड, शेर बहादुर देउबा, पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के घरों में आगजनी कर दी।

ओली का इस्तीफा

राष्ट्रपति को सौंपे अपने त्यागपत्र में ओली ने लिखा—
“देश में व्याप्त वर्तमान असामान्य स्थिति को देखते हुए, मैंने संविधान के अनुच्छेद 77(1)(ए) के अनुसार, आज से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, ताकि राजनीतिक समाधान और समस्या समाधान की दिशा में आगे कदम बढ़ाए जा सकें।”

नेपाल का राजनीतिक संकट अब निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। एक ओर संसद धधक रही है, दूसरी ओर सड़कों पर भीड़ अपना हिसाब बराबर कर रही है।

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