नई दिल्ली
ट्रेन से सफर करने वालों के लिए जल्दी ही Good News मिल सकती है। सरकार जल्द ही फ्लेक्सी/ डायनेमिक किराए (Dynamic Fare) और तत्काल टिकट चार्ज (Tatkal Ticket Charge) में कटौती कर सकती है। संसद की एक स्थायी रेलवे समिति ने इसकी सिफारिश की है।
दरअसल रेलवे की स्थायी समिति ने कई ट्रेनों में फ्लेक्सी या डायनामिक फेयर नीति के तहत ज़्यादा किराया लिए जाने को भेदभावपूर्ण बताया है। समिति ने रेलवे से इस नीति की समीक्षा करने की सिफारिश की है। समिति ने कहा कई ट्रेनों में फ्लेक्सी या डायनामिक फेयर अलग-अलग ली जाती है जबकि कई बार राजधानी और शताब्दी ट्रेनों का किराया एयरलाइंस के किराए से भी ज़्यादा हो जाता है।
बोझ डाल रहा तत्काल टिकट का चार्ज
समिति ने माना है कि तत्काल टिकटों पर लिया जाने वाला चार्ज कई बार यात्रियों की बजट के हिसाब से काफी महंगा हो जाता है और यह अनुचित है। तत्काल टिकट का चार्ज उन लोगों पर बोझ डाल रहा है जो पहले से ही आर्थिक रूप से तंग हैं और ऐसे में अगर उन्हें अर्जेटली कहीं जाना हो तो महंगी टिकट लेना उनकी मजबूरी हो जाती है।
किराया समान और संतुलित रखा जाए
समिति ने कहा कि मंत्रालय को यात्रियों द्वारा की जाने वाली यात्रा की दूरी के अनुसार अनुचित किराए का उपाय करना चाहिए जिससे किसी की जेब पर अधिक बोझ ना पड़े। मंत्रालय यात्रियों की सुविधा को देखते हुए फ्लेक्सी/डायनेमिक किराया तंत्र की समीक्ष करे और चार्ज का विवेकपूर्ण ढंग से निर्णय। मंत्रालय ख्याल रखें कि किराया संतुलित और समान स्तर पर आधारित हो।
फ्लेक्सी/डायनेमिक चार्ज में भेदभाव
रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा कि तथ्यों को देखते हुए फ्लेक्सी/डायनेमिक मूल्य निर्धाारण कुछ भेदभावपूर्ण प्रतीत होता है, क्योंकि राजधानी, शताब्दी और दुरंतो का किराया अन्य मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में पहले से ज्यादा है। यह बजट एयरलाइनों की तुलना में बराबर और कई मामलों में तो ज्यादा भी हो जाता है। समिति का मत है कि ज्यादा किराए के कारण संरचना के साथ मामूली आय वाले या आर्थिक रूप से वंचित रेल उपयोगकर्ता इस किराये को वहन नहीं कर पाएंगेएवं इन ट्रेनों का विकल्प नहीं चुनेंगे।
‘तत्काल योजना’ में दलालों संलिप्तता को देखते हुए निगरानी तंत्र बनाया जाए
संसद की एक समिति ने रेलवे में ‘तत्काल योजना’ के संबंध में दलालों की संभावित संलिप्तता की शिकायतों का उल्लेख करते हुए सरकार से इस योजना के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक सुदृढ़ निगरानी तंत्र बनाने की भी सिफारिश की। समिति ने कहा है कि रेल में उन यात्रियों को आरक्षण प्रदान करने के लिए तत्काल योजना शुरू की गई थी, जिन्हें अल्प सूचना पर यात्रा करनी होती है।
रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने इस योजना की सराहना करते हुए इसमें दलालों की संभावित संलिप्तता को लेकर आशंका प्रकट की जिनकी बेईमान गतिविधियों से वास्तविक यात्रियों को इस योजना का लाभ मिलने में कठिनाइयां हो सकती हैं। समिति की राय है कि रेलवे को भौतिक और साइबर दोनों क्षेत्रों में इन तत्वों द्वारा उत्पन्न खतरों के प्रति हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
ऐसे बुक होता है तत्काल टिकट
आपको बता दें कि तत्काल टिकट ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर प्रीमियम शुल्क के भुगतान पर बुक किया जाता है। वर्तमान में इसे रेल यात्री आरक्षण प्रणाली (PRS) और भारतीय खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) वेबसाइट से एक दिन पहले एसी श्रेणी के लिए सुबह 10 बजे और गैर एसी श्रेणी के लिए 11 बजे बुक किया जाता है।
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