आजम खान पर 1 करोड़ 63 लाख का जुर्माना,14 अगस्त तक भरने की डेडलाइन, नोटिस चस्पा

रामपुर (यूपी)

समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। अब रामपुर एसडीएम कोर्ट ने आजम खान 1 करोड़ 63 लाख 80 हजार का  जुर्माना लगाया है। रामपुर एसडीएम कोर्ट का नोटिस आजम खान के घर पर चस्पा कर दिया गया है। मामला जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ है। आजम खान को यह जुर्माना 14 अगस्त तक जमा करना होगा। यह राशि जमा करके 19 अगस्त तक जवाब देने का समय दिया गया है। आपको बता दें कि इससे पहले एसडीएम कोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी का गेट तोड़ने का आदेश भी दिया था।

सांसद आजम खां को जौहर विश्वविद्यालय का गेट बनाकर अतिक्रमण करने का जुर्माना और उसे तोड़ने का खर्च भी देना होगा। आजम को एक करोड़ 63 लाख 80 हजार रुपए  का जुर्माना और क्षतिपूर्ति के लिए नोटिस जारी किया गया है। दरअसल, 1 करोड़ 63 लाख 80 हजार का नोटिस जौहर यूनिवर्सिटी का गेट बनाकर अतिक्रमण और तोड़ने पर उसकी क्षतिपूर्ति के रूप में लिया जाना है। जिसे 14 अगस्त तक जमा करना है।

भूमि कब्जा मुक्त नहीं होगी तब तक हर माह देने होंगे 4 लाख 55 हजार रूपए
यही नहीं, 4 लाख 55 हजार रूपए प्रति महीना भी जमा करना होगा। प्रति महीना यह जुर्माना तब तक भरना होगा जब तक भूमि कब्जा मुक्त नहीं हो जाती है। जौहर यूनिवर्सिटी के गेट पर अतिक्रमण का समय मई 2016 से जून 2019 तक बताया गया है।

यह है मामला
जिला अदालत ने तत्कालीन एसडीएम पीपी तिवारी के मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का गेट तोड़ने संबंधी आदेश को बरकरार रखा था वादी आकाश सक्सेना ने बताया कि 2019 में हमारे द्वारा एक शिकायत की गई थी कि जौहर यूनिवर्सिटी का गेट सरकारी भूमि पर है उसकी जो सड़क है वो पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई गई है लगभग 13 करोड़ लागत की वह सड़क बनवाई गई थी उस पर जौहर यूनिवर्सिटी का गेट बना हुआ था

इस मामले में एसडीएम कोर्ट ने जांच के बाद गेट तोड़ने के आदेश दिए थे इसके खिलाफ आजम खान ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अपील की थी लगभग 2 साल बाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने आजम खान की अपील को खारिज कर दिया था

शुरू से ही विवाद
जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर शुरू से ही विवाद रहा है। किसान जमीनें कब्जाने का आरोप लगाते रहे हैं। साल 2019 में 26 किसानों ने मुकदमे भी दर्ज कराए थे। रामपुर जिला प्रशासन ने आजम खां के खिलाफ भू-माफिया का केस भी दर्ज किया है। इतना ही नहीं, उन पर चकरोड की जमीनों पर भी कब्जा करने का आरोप था। उसे भी प्रशासन ने यूनिवर्सिटी की दीवारें तुड़वाकर खुलवा दिया था।

बीते साल फरवरी से जेल में हैं आजम
रामपुर एडीजे कोर्ट ने बीते साल फरवरी में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, सरकारी व ​दूसरे लोगों की जमीनों पर अवैध कब्जे के दर्जनों मामलों में आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को जेल भेज दिया था। तजीन को इस साल की शुरुआत में जमानत मिल गई थी, लेकिन आजम और अब्दुल्ला सीतापुर जेल में बंद थे, यहीं दोनों कोरोना की चपेट में आए। आजम की तबीयत खराब होने की वजह से वह डॉक्टरों की देखरेख में हैं।