रामपुर
उत्तर प्रदेश (UP) के रामपुर (Rampur) जिले में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की खरसौल (Kharsaul) शाखा में करोड़ों रुपये के बीमा घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। इस घोटाले में बैंक कर्मियों और एजेंटों का संगठित गिरोह शामिल है, जो मृतकों को जीवित दिखाकर उनके नाम पर फर्जी बीमा क्लेम कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी कर रहा था।
मामले का खुलासा तब हुआ जब संभल निवासी विकास सिंह ने अपर पुलिस महानिदेशक, बरेली जोन से इस घोटाले की शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक कर्मी, बैंक मित्र और PNB मंडल कार्यालय मुरादाबाद (Moradabad) के अधिकारी मिलकर यह संगठित अपराध कर रहे थे।
यह गिरोह पहले मृत खाताधारकों की जानकारी निकालता था, फिर उनके परिजनों को बहला-फुसलाकर जरूरी दस्तावेज हासिल करता था। इसके बाद प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Insurance Scheme) के तहत मृतकों के नाम पर बीमा पॉलिसी ली जाती थी। कुछ महीनों बाद फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर LIC पोर्टल पर क्लेम फाइल किया जाता था।
कैसे होता था घोटाला?
- बैंक मित्र मृतकों की जानकारी निकालते और उनके परिवार से दस्तावेज जुटाते।
- मृतक को जिंदा दिखाकर उसके नाम पर बीमा पॉलिसी जारी की जाती।
- बैंक कर्मी अपने LIC पोर्टल की यूजर आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल कर फर्जी मृत्यु दावा अपलोड करते।
- OTP बैंक मित्रों को दिया जाता, जिससे वे क्लेम को अप्रूव करवा सकें।
- क्लेम की राशि नॉमिनी के खाते में आते ही UPI और अन्य माध्यमों से निकाली जाती और सभी आरोपी रकम आपस में बांट लेते।
बैंक मैनेजर समेत कई बड़े अधिकारी घोटाले में शामिल
इस घोटाले में PNB खरसौल शाखा प्रबंधक निखिल कुमार, बैंक मित्र और PNB मंडल कार्यालय मुरादाबाद के कर्मचारी अभिनव कुकरेती, मीनाक्षी सेठी, दीपांश सक्सेना और मनोज अग्रवाल की संलिप्तता सामने आई है।
शिकायतकर्ता विकास सिंह का कहना है कि जब उन्होंने मंडल कार्यालय मुरादाबाद में दस्तावेज सौंपे, तो अधिकारियों ने FIR के कागजात उठाकर फेंक दिए और कहा— “हमें पहले से सब पता है, हम खुद यह फर्जीवाड़ा कराते हैं। तुमसे जो हो सके कर लो।”
घोटाले में इन खातों से हुआ फर्जीवाड़ा
- प्रेमपाल (खाता संख्या: 1119000100115918)
- भूरी (खाता संख्या: 111900100177973)
- सुखदेई (खाता संख्या: 1119000100097665)
- कांतिया (खाता संख्या: 1119000100105124)
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि प्रेमपाल नामक व्यक्ति की 23 जनवरी 2022 को सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी थी, लेकिन 16 दिसंबर 2022 को बैंक कर्मियों ने उसे जिंदा दिखाकर बीमा कराया और दो लाख रुपये का क्लेम निकाल लिया।
अब तक कोई कार्रवाई नहीं
शिकायतकर्ता ने जुलाई 2024 में CPGRAMS पोर्टल पर घोटाले की शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। थाना सेफनी में मुकदमा संख्या 0086/2024 में केवल निखिल कुमार और अभिनव कुकरेती के नाम दर्ज किए गए हैं, लेकिन पूरे गिरोह पर अब तक सख्त कार्रवाई नहीं की गई है।
शिकायतकर्ता ने मांग की है कि इस संगठित घोटाले में शामिल सभी बैंक कर्मियों, एजेंटों और अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और सरकारी खजाने को हुए नुकसान की भरपाई की जाए।
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