भरतपुर
भरतपुर (Bharatpur) के राजकीय एसबीके बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय (SBK Girls Higher Secondary School) परिसर में राजस्थान सरकार के कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के अंतर्गत राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी (Rajasthan Braj Bhasha Academy) और विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय ब्रजभाषा रचना शिविर का शुभारंभ हुआ। इस आयोजन का उद्देश्य बालिकाओं में ब्रजभाषा के प्रति लगाव और इसे संरक्षित करने की प्रेरणा देना है।
कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और गजेंद्र सिंह द्वारा प्रस्तुत मां सरस्वती वंदना के साथ हुआ। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता शिक्षाविद् एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राजस्थान के पूर्व अध्यक्ष सुनील चतुर्वेदी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष भरतपुर मनोज भारद्वाज उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षा उपनिदेशक महात्मा गांधी (प्रकोष्ठ) दलबीर सिंह और अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी संयुक्त निदेशक कार्यालय भरतपुर विशाल चौधरी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संयोजन विद्यालय की प्रधानाचार्य तृप्ति सिंघल ने किया और संचालन वरिष्ठ साहित्यकार नरेंद्र “निर्मल” ने किया।

बालिकाओं में सृजनात्मकता को नया आयाम
इस रचना शिविर में बालिकाओं को ब्रजभाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकारों द्वारा कविता, बाल गीत, और बाल कहानी लेखन की विस्तृत जानकारी दी गई। इसके साथ ही, इन बालिकाओं को अपनी खुद की रचनाएं लिखने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
मुख्य अतिथि मनोज भारद्वाज ने बालिकाओं को अपनी भाषा और संस्कृति के प्रति अनुराग विकसित करने की प्रेरणा दी। शिक्षा उपनिदेशक दलबीर सिंह ने थॉमस अल्वा एडिसन के उद्धरण से बालिकाओं को प्रेरित करते हुए कड़ी मेहनत और रचनात्मकता का महत्व बताया।
ब्रजभाषा के प्रचार-प्रसार पर जोर
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुनील चतुर्वेदी ने ब्रजभाषा के प्रचार-प्रसार पर बल देते हुए बालिकाओं को अपनी भाषा, संस्कृति और परंपराओं को अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित होने के बजाय, हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करना चाहिए।
भविष्य के साहित्यकारों का निर्माण
इस शिविर का उद्देश्य ब्रजभाषा को नई पीढ़ी तक पहुंचाकर इसे संरक्षित करना और बालिकाओं को सृजनात्मक लेखन के क्षेत्र में प्रेरित करना है। बाल रचनाकारों ने इस अवसर पर अपनी कविताएं, कहानियां और गीत प्रस्तुत किए, जिससे उनकी रचनात्मकता का अद्भुत प्रदर्शन हुआ।
उल्लेखनीय सहभागिता
इस आयोजन में विद्यालय की बालिकाओं के साथ-साथ बारिका और साहित्यिक क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों की भागीदारी रही। यह कार्यक्रम ब्रजभाषा और संस्कृति के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सबक: ऐसे हादसों से बचाव के लिए सतर्कता और आराम को प्राथमिकता देना जरूरी है। एक छोटी सी गलती कई जिंदगियां लील सकती है।
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