जोधपुर
इस समय राजस्थान के मुख्यमंत्री और साथ में गृह मंत्री अशोक गहलोत के गृहक्षेत्र जोधपुर से एक बड़ी खबर आ रही है। जोधपुर मंगलवार को एक बार फिर सुलग उठा। दो समुदाय के लोगों के बीच जमकर पथराव होने की खबर है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और तीन लोगों को पकड़ा गया है।
यह घटना संवेदनशील माने जाने वाले सूरसागर क्षेत्र में हुई है। पत्थरबाजी में दो युवकों के घायल होने की बात भी सामने आ रही है। फिलहाल मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वहीं इलाके में धारा 144 भी लगा दी गई है। जानकारी के अनुसार आज सूरसागर के रॉयल्टी नाके के पास ये बवाल हुआ। अभी के लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है और तीन लोगों को पकड़ लिया गया है। आपको बता दें कि इससे पहले भी जोधपुर में दो समुदायों के बीच बवाल हो चुका है। जमकर हिंसा हुई थी।
अभी तक तनाव की वजह सामने नहींआई है, लेकिन जमकर पत्थरबाजी हुई है और खूब बवाल हुआ है। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने मौके पर भारी पुलिस फोर्स भेज दी है। डीसीपी, एडीसीपी जैसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर तैनात हैं।
बताया गया कि विवाद की शुरुआत बाइक पार्किंग को लेकर हुई। देखते ही देखते मामला इस हद तक बढ़ गया कि वहां पर ईंट-पत्थर चलने लगे। बताया जाता है कि घटना के संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं हर्ष और जयेश नाम के दो युवकों के घायल होने की खबर भी आ रही है। इसमें एक युवक को गंभीर चोट लगी है। वहीं दूसरे युवक को हल्की-फुल्की चोटें आने की खबर है।
पुलिस के अनुसार सर्किल में कुछ युवक आपस में झगड़ रहे थे। तब दूसरे गुट के एक युवक ने बीच-बचाव किया। इसको लेकर झगड़ा करने वाले युवक आवेश में आ गए। उन्होंने बीच-बचाव करने वाले युवक को पीट दिया। राजाराम चौराहा सर्किल के पास पानी के कैम्पर प्लांट संचालक हर्ष गहलोत का कहना है कि अनेक युवक दुकान में घुसे और उस पर हमला कर दिया। जिससे उसे चोटें आईं। फिर हमलावर वहां से भाग गए।
आपको यहां यह भी बता दें कि इससे पहले राजस्थान के करौली और अलवर में भी जबरदस्त हिंसा देखने को मिल चुकी है। करौली की बात करें तो वहां पर एक बाइक रैली पर पत्थरबाजी कर दी गई थी। कहा गया था कि जब कुछ लोगों ने हिंदू नव वर्ष के मौके पर बाइक रैली निकाली थी। दूसरे समुदाय के लोगों ने उन पर पथराव कर दिया। बाद में कई दुकानों को आग के हवाले किया गया, जमकर हिंसा हुई और जमीन पर माहौल तनावपूर्ण बन गया। हालात इतने बिगड़ गए थे कि प्रशासन को कई दिनों तक करौली में कर्फ्यू रखना पड़ा। उस हिंसा में पुलिस ने लगभग 144 आरोपियों को चिंहित किया था।
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