जयपुर
NPS को लेकर गहलोत सरकार ने नया फरमा जारी किया। सरकार ने साफ़ कहा है कि NPS से जिन कर्मचारियों ने राशि निकाल ली है और यदि उन्होंने उसे वापस जमा नहीं कराया तो ऐसे कर्मचारियों को OPS (ओल्ड पेंशन स्कीम) का लाभ नहीं दिया जाएगा।
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वित्त विभाग की ओर से ये आदेश मंगलवार को जारी किए गए। नए आदेश के अनुसार 2004 के बाद लगे कर्मचारियों की ओर से NPS (न्यू पेंशन स्कीम) में निकाली गई राशि 31 दिसंबर से पहले वापस जमा करानी होगी, नहीं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
सरकार ने कर्मचारियों से कहा है कि वह निकाली गई राशि को चार किस्तों में जमा करा सकते हैं। नहीं तो उसके खिलाफ 28 अगस्त के आदेश के अनुसार कार्रवाई होगी। आदेश में कहा गया है कि कर्मचारी को 1 अप्रेल से 28 अगस्त 2022 तक निकाली गई राशि को वापस जमा कराना होगा।
आपको बता दें कि 28 अगस्त को वित्त विभाग की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया था कि प्रदेश में 19 मई 2022 से एक बार फिर 2004 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए भी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लागू कर दिया गया है। इसके लागू होने के साथ ही न्यू पेंशन स्कीम (NPS) का राजस्थान में अब कर्मचारियों के लिए कोई अस्तित्व नहीं रह गया है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने NPS की अंशदान राशि को निकलवाने के लिए आवेदन कर दिया है जो 19 मई 2022 के आदेश का पूरी तरीके से उल्लंघन है।
सरकार ने आदेश साफ़ किया है कि कोई भी कर्मचारी अगर NPS की अंशदान राशि के लिए आवेदन करता है या राशि निकलवाता है तो यह माना जाएगा कि वो OPS का लाभ नहीं लेना चाहता। लिहाजा सरकार ऐसे कर्मचारियों को OPS का लाभ नहीं देगी। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
इसलिए कर्मचारियों को NPS से निकाली राशि को वापस जमा करानी होगी। इसके लिए कर्मचारियों को 31 दिसम्बर तक का समय दिया गया है। कर्मचारी 4 किश्तों में राशि वापस जमा कर सकते हैं। सरकार ने यह भी चेतावनी दी है कि 28 अगस्त के बाद भी एनपीएस के तहत राशि निकाली गई है तो संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
आपको यहां यह भी बता दें कि राजस्थान सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को पुनः लागू किया था , इसके बावजूद प्रदेश के कर्मचारी एनपीएस के तहत अंशदान निकालने की योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर रहे थे। लगातार बढ़ती शिकायतों को देखते हुए सरकार ने इसके लिए चेतावनी पत्र जारी किया है। 2004 के बाद नियुक्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को केंद्र सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम में शामिल किया था, जिसमें एक अनुदान कर्मचारी के हिस्से का तो दूसरा हिस्सा सरकार की ओर से शामिल किया जाता था। एनपीएस के तहत जमा हुई राशि में कर्मचारियों के लिए प्रावधान था कि वो आवश्यकता के अनुसार अंशदान की कुछ राशि को निकलवा सकता था।
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