जयपुर
सरकार से कर रहे हैं पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग
राजस्थान के समायोजित शिक्षाकर्मियों ने 17 अप्रेल को चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार करने के लिए रणनीति बनाने को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसके लिए राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ ने इस रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए प्रदेश कार्यकारिणी व जिलाध्यक्षों को संयुक्त बैठक 2 अप्रेल को दोपहर 12.30 बजे अजमेर के आर्य समाज सभागार, केसर गंज पर रखी है। समायोजित शिक्षाकर्मियों की मांग है कि राजस्थान सरकार सुप्रीमकोर्ट के आदेशों के अनुरूप पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करे।
राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश महामंत्री शिवशंकर नागदा ने एक बयान में कहा कि राजस्थान सरकार समायोजित शिक्षाकर्मियों के लिए न्यायालय के आदेशों को दरकिनार कर पुरानी पेंशन स्कीम को लागू नहीं कर रही। उसकी संवेदनहीनता, हठधर्मिता, तानाशाही व दमनात्मक नीति से प्रदेशभर के समायोजित शिक्षाकर्मी आक्रोशित हैं। नागदा ने बताया कि सरकार को सबक सिखाने के लिए 17 अप्रेल को होने वाले विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों का जमकर विरोध किया जाएगा। इसके लिए राजस्थान की चारों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशियों का विरोध करने के लिए समायोजित शिक्षाकर्मियों की अलग-अलग टोलियां निकलेंगी। ये टोलियां कैसे काम करेंगी, इसी की रणनीति पर विचार करने के लिए अजमेर में दो अप्रेल को बैठक रखी गई है। इस बैठक में टोलियों के लिए योगदान करने वाले नामों की सूची पर विचार होगा। ये टोलियां 7 अप्रेल से 15 अप्रेल के बीच में कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ प्रचार करेंगी।
प्रचार-प्रसार समिति का किया गठन
नागदा ने बताया कि 7 अप्रेल से 15 अप्रेल के बीच चलने वाले अभियान के लिए एक प्रचार-प्रसार समिति का गठन कर दिया गया है। समिति का संयोजक नवीन कुमार शर्मा अजमेर व प्रो. एमसी मालू नवलगढ़ और सह संयोजक यथार्थ खींची सीकर , डॉ. प्रभा पारीक सरदार शहर, प्रो. शिवसिंह दुलावत उदयपुर, कमलजीत शर्मा करणपुर, छगनलाल स्वामी और श्रीमती सीमा मिश्रा बीकानेर को बनाया गया है। उन्होंने बताया कि यह समिति राजस्थान सरकार के छलकपट की नीति, समायोजन के लिए बनाए गए विधान विरुद्ध नियम, न्यायालय की गरिमा की अनदेखी को लेकर एक अपील तैयार करेगी और यह पत्रक उपचुनाव वाले क्षेत्रों में मतदाताओं तक पहुंचाए जाएंगे।
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