भीलवाड़ा
राजस्थान (Rajasthan) में भ्रष्टाचार के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। गुरुवार को अजमेर डिस्कॉम (Ajmer Discom) के सहायक अभियंता (AEN) मुकेश बैरवा और लिपिक विनोद रैगर को 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों आरोपी बिजली के कॉमर्शियल कनेक्शन जारी करने के बदले एक लाख रुपए की घूस मांग रहे थे।
कैसे बिछा ACB का जाल?
भीलवाड़ा में एसीबी की प्रथम शाखा के डीएसपी पारसमल ने बताया कि सरदारनगर गांव के उदयलाल तेली ने अपने घाणी व्यवसाय के लिए बिजली का कनेक्शन लेने के लिए अजमेर डिस्कॉम के बनेड़ा कार्यालय में संपर्क किया था। वहां AEN मुकेश बैरवा ने कनेक्शन जारी करने के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी। परेशान होकर उदयलाल ने एसीबी को शिकायत दर्ज कराई।
ACB ने ऐसे दबोचा घूसखोर अफसर
- शिकायत की पुष्टि के लिए एसीबी ने उदयलाल को 20 हजार रुपए लेकर भेजा, जिसे AEN ने तुरंत रख लिया।
- इस पर ACB ने पूरी योजना बनाई और गुरुवार को 30 हजार रुपए की रिश्वत के साथ परिवादी को फिर भेजा।
- AEN मुकेश बैरवा ने पैसे सीधे लेने की बजाय लिपिक विनोद रैगर को देने को कहा।
- जैसे ही विनोद ने रिश्वत की राशि पकड़ी, एसीबी टीम ने दोनों को रंगे हाथों धर दबोचा।
कहां के रहने वाले हैं आरोपी?
- AEN मुकेश बैरवा – दौसा जिले के सिकराय तहसील का निवासी
- लिपिक विनोद रैगर – डीडवाना जिले की नावा तहसील का निवासी
अब क्या होगा?
एसीबी ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ जारी है और यह पता लगाया जा रहा है कि इससे पहले कितनी बार घूसखोरी के खेल को अंजाम दिया गया था।
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