जम्मू-कश्मीर में किसने ली संस्कृत में शपथ, सोशल मीडिया पर हो रही जमकर तारीफ

जम्मू |


 

धारा-370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर किस तरह बदल रहा है इसकी बानगी हाल ही में वहां की जिला विकास परिषद (डीडीसी ) के चुनावों के बाद जीते सदस्यों के कार्य और व्यवहार में देखने को तब मिली जब इन सदस्यों का शपथ समारोह चल रहा था।


इस समारोह में वहां के चार सदस्यों ने संस्कृत में शपथ लेकर सबको चकित कर दिया। इनमें विजयपुर बी से निर्वाचित एक महिला सदस्य शिल्पा दुबेभी शामिल हैं। उन्होंने यही नहीं किया बल्कि समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में बड़ी निडरता से कहा कि उन्होंने संस्कृत में इसलिए शपथ ली क्योंकि यह देवों की वाणी है। उनका मानना है कि संस्कृत से ही सभी भाषाएं उत्पन्न हुई हैं। उन्होंने ऐसा करके जिंदगी की नई शुरुआत की है। इसलिए मैं चाहती हूं कि उन देवों को नमस्कार किया जाए। उन्होंने कहा कि यह नाममात्र की कसम नहीं है बल्कि दिल से ईश्वर को हाज़िर – नाजी होकर काम करने की शपथ ली है।

शिल्पा के अलावा जिन अन्य ने संस्कृत में शपथ ली उनके नाम हैं- जिला उधमपुर से परीक्षित सिंह, जूही मन्हास, पिंकी देवी। इसके अलावा बिश्राह से देवेन्द्र कुमार ने डोगरी भाषा में शपथ ग्रहण की। इससे पहले कभी भी संस्कृत में शपथ नहीं ली गई है। इन उम्मीदवारों की तरफ से पहले ही प्रशासन को सूचित किया गया था कि वह संस्कृत में शपथ लेंगे।

पूरे देश में जबरदस्त प्रतिक्रिया

डीडीसी सदस्य के रूप में संस्कृत में शपथ लेने पर जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई है। उनके इस कदम की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है। 

सांबा जम्मू के दीपक सम्बयाल ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा – अत्यंत सुखद आश्चर्य। धन्यवाद उन लोगों का जिन्होंने शिल्पा जैसी महिला को चुना और जागरूक समाज की छवि को प्रदर्शित किया।
योगेन्द्रनाथ मिश्रा ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा कि
वैदुष्यपूर्ण शपथ ग्रहण को सुनकर लगा कि महर्षि कश्यप की पावन धरती पुन:स्थापित हो रही है।
राघवेन्द्र प्रसाद त्रिवेदी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा
आज लग रहा है कि हम हमारे शरीर रूपी हिंदुस्तान में रह रहे हैं।
श्रीनगर उत्तराखण्ड के शिशुपाल सिंह बिष्ट ने लिखा-
सराहनीय। जिस कश्मीर की कल्पना थी वह मोदीजी के नेतृत्व में साकार होने लगी है।
श्यामसुन्दर झा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा-
अब लग रहा है देश बदल रहा है। 
शीतल बवछे की टिप्पणी थी कि
कुछ लोगों को इसमें भी साम्प्रदायिकता नजर आएगी।
मुम्बई महाराष्ट्र के नंदकिशोर ने कहा –
अभिनंदन उन क्षेत्रवासियों का जिन्होंने अपने मत का इतनी सुन्दरता से प्रयोग किया। 
दिल्ली के श्रवण कुमार तिवारी ने कहा कि
उन क्षेत्रवासियों को नमन जिन्होंने आप जैसे योग्य व्यक्ति को नियुक्त किया।
बहादुरगढ़ बलिया उत्तरप्रदेश के जितेन्द्र पाण्डे ने लिखा कि
देववाणी संस्कृत को स्वीकार करते हुए सबके सामने प्रस्तुत करना हिम्मत का काम है।





 
 

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