नई दिल्ली
अगर आप स्नातक (UG) या स्नातकोत्तर (PG) कर रहे हैं, तो अब डिग्री के लिए सिर्फ मेजर सब्जेक्ट्स ही नहीं, बल्कि भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) की पढ़ाई भी जरूरी होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि छात्रों को कुल क्रेडिट का 5% भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) से अर्जित करना अनिवार्य होगा।
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यूजीसी के सचिव प्रो. मनीष जोशी ने बुधवार को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखकर यह जानकारी दी। पत्र के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत उच्च शिक्षा में भारतीय ज्ञान प्रणाली को प्रमुख रूप से शामिल किया जा रहा है।
👉 50% क्रेडिट मेजर डिसिप्लिन से जरूरी
👉 5% क्रेडिट IKS से अर्जित करने होंगे
क्या है UGC की योजना?
- छात्रों को भारतीय ज्ञान प्रणाली की पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- प्रोफेसरों को IKS के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे इसे प्रभावी ढंग से पढ़ा सकें।
- भारत की प्राचीन बौद्धिक विरासत को संरक्षित और विकसित करने की दिशा में यह बड़ा कदम है।
छात्रों पर क्या होगा असर?
इस फैसले से छात्रों को भारतीय परंपरा, विज्ञान, दर्शन और अन्य गहरी ज्ञान प्रणालियों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। यह कदम तकनीकी और आधुनिक शिक्षा के साथ भारतीय जड़ों को मजबूत करने की दिशा में अहम साबित हो सकता है।
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