बक्सर (बिहार)
यूपी बॉर्डर से सटे बिहार के बक्सर में गंगा नदी में दर्जनों लाशें दिखाई देने से हड़कंप मचा है। कोरोना से मौत के बाद इन्हें गंगा में बहाने की आशंका से लोग सहमे हुए हैं। यूपी सीमा पर स्थित होने से अधिकारी उधर से ही लाशों के बहकर आने की बात कह रहे हैं। इससे पहले हमीरपुर और कानपुर में यमुना में कई लाशें दिखाई दी थीं। ये लाशें बक्सर जिले के चौसा प्रखंड के महादेवा घाट के पास 10 मई सोमवार को एक साथ बहते हुए लोगों ने देखीं तो उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी पुलिस और प्रशासन को दी।
लोगों का कहना है कि कोरोना से मौत की संख्या बढ़ने के कारण लोग अंतिम संस्कार करने की बजाए गंगा में लाशों के प्रवाहित कर रहे हैं। कुछ लाशें किनारे लग गई हैं और कुछ आगे बह गई हैं। लाशों की स्थिति से लग रहा है कि कई सड़ी गली अवस्था में हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि लाशें यूपी की ओर से बहकर आ रही हैं। डीएम ने कहा कि 30 से 35 लाशों के किनारे लग जाने की जानकारी मिली है। माना जा रहा है कि कोरोना महामारी के दौरान शवदाह के महंगे खर्च से बचने के लिए लोगों ने लाशों को प्रवाहित करना शुरू कर दिया है। पिछले 1 सप्ताह के अंदर ही बक्सर के चौसा श्मशान घाट पर दर्जनों शव गंगा किनारे मिले हैं। गिद्ध और कुत्ते शवों को नोच-नोच कर अपना आहार बना रहे हैं। इससे गंगा घाट किनारे का नजारा और भी वीभत्स हो गया है।
अंतिम संस्कार का खर्च नहीं उठा पा रहे परिजन
ग्रामीणों की मानें तो श्मशान घाट पर मिलने वाली लकड़ी और अंत्येष्टि की अन्य सामग्रियों की कीमत में बेतहाशा वृद्धि के कारण लोग शवों के अंतिम संस्कार का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं। ऐसे में पिछले कुछ महीनों से लोगों में शवों का जल प्रवाह करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। बक्सर एसडीएम ने पूरी स्थिति को जाना और कहा कि शव गंगा नदी में कहीं और से आकर किनारे लग गए हैं। इसको डिस्पोजल करने की कार्रवाई की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि ये शव उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और वाराणसी से बहकर यहां पहुंचे हैं।
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पोस्टमार्टम से जानेंगे मौत की वजह
SDO ने बताया कि ज्यादातर शवों को अब दफना दिया गया है। यह शव कब से पानी में थे, मौत की वजह क्या थी, यह सब जानने के लिए कुछ शवों के पोस्टमार्टम की भी तैयारी की जा रही है। चौसा CO नवलकांत ने बताया कि रात में शव को दाह संस्कार करने में दिक्कत न हो, उसके लिए जनरेटर लाइट की व्यवस्था की गई है। गंदगी को साफ करने के लिए दो लोगों को रखा गया है। साथ ही वहां पर दो चौकीदार और एक सलाहकार को नियुक्त किया गया है। वे दाह संस्कार करने वालों की डिटेल भी नोट कर रहे हैं। इस बीच बक्सर जिले के ग्रामीणों का कहना है कि गांवों में मरने वाले सभी खांसी-बुखार से पीड़ित थे। कुछ सप्ताह से मौतें अचानक बढ़ गई हैं। चरित्रवन और चौसा श्मशान घाट पर दिन-रात चिताएं जल रही हैं। कब्रिस्तानों में भी भीड़ लगी रहती है।
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