जोधपुर
राज्य सरकार ने 19 फरवरी तक आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाई
बीएड डिग्री वाले छात्रों को भी आखिर रीट की लेवल-1 परीक्षा के लिए आवेदन करने की अनुमति मिल गई लेकिन शर्तों के साथ। राजस्थान हाई कोर्ट ने पांच फरवरी इस संबंध में अंतरिम आदेश जारी किए। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को रीट लेवल-1 में बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों को आवेदन करने के लिए रीट की अंतिम तिथि बढ़ाने का आदेश भी दिया। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती व न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की।
इस अंतरिम आदेश के बाद बीएड डिग्रीधारी रीट के लेवल प्रथम में आवेदन कर सकते हैं। पर परीक्षा में बैठने की अनुमति अंतिम आदेश के अधीन रहेगी। यानी कोर्ट का अंतिम फ़ैसला आने बाद ही यह पता चल सकेगा कि वह परीक्षा में बैठ सकेंगे या नहीं। मामले में अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी।
एनसीटीई से मांगा जवाब
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के नियमानुसार बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थी सिर्फ लेवल-2 की परीक्षा के लिए और लेवल-1 में सिर्फ बीएसटीसी किए हुए अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकते हैं। बीएड कर चुके कुछ अभ्यर्थियों ने इस फैसले को चुनौती दी। सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने एनसीटीई से उनका जवाब मांगा। एनसीटीई ने जवाब पेश करने के लिए कुछ समय देने की मांग की।
कल थी रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की विज्ञप्ति के अनुसार, रीट भर्ती के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि गुरुवार रात 12 बजे तक थी। ऐसे में सुनवाई के दौरान कोर्ट में एजी एमएस सिंघवी ने कहा कि बोर्ड ने रजिस्ट्रेशन तिथि 19 फरवरी कर दी है। अब कोई भी अभ्यर्थी जिसने फॉर्म नहीं भरा है, वो आवदेन कर सकता है। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को 19 फरवरी तक फर्स्ट लेवल में आवेदन करने की छूट देने के निर्देश दिए हैं।
अब तक करीब 13.80 लाख के रजिस्ट्रेशन
रीट परीक्षा 2021 के लिए अब तक करीब 13.80 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। यह संख्या दोनों लेवल की है। अब यदि बीएडधारी लेवल-1 के लिए आवेदन करेंगे तो यह संख्या बढ़ सकती है।
सरकार ने संशोधित गाइडलाइन को लागू नहीं किया
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता रघुनंदन शर्मा, रामप्रताप सैनी ने पैरवी करते हुए कहा कि एनसीटीई ने फरवरी 2018 में अपनी 23 अगस्त 2010 की गाइडलाइन को संशोधित करते हुए अध्यापक पात्रता परीक्षा के फर्स्ट लेवल में बीएड धारकों को भी शामिल किया था। लेकिन सरकार ने इस संशोधित गाइडलाइन को नजरअंदाज करते हुए एनसीटीई की 23 अगस्त 2010 की गाइडलाइन के अनुसार विज्ञप्ति जारी कर दी, जो गलत है।
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