‘थप्पड़मार’ कलेक्टर, सरकार ने हटाया

रायपुर 

ये हैं छत्तीसगढ़ के सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा! इन्हें थप्पड़ मारने का बहुत शौक है। शनिवार 22 मई को जब वे लॉकडाउन की पालना करने शहर में निकले तो एक युवक को उन्होंने न केवल थप्पड़ जड़ दिया, बल्कि उसका मोबाइल सड़क पर फेंक कर तोड़ डाला। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो वायरल होने के बाद छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने इस ‘थप्पड़मार’ कलेक्टर को पद से हटा दिया। वीडियो सामने आने के बाद आईएएस एसोसिएशन ने भी इसकी निंदा की है।

बवाल मचा तो मांगी माफी
वीडियो बनाए जाने की आशंका में कलेक्टर ने युवक का मोबाइल तोड़ दिया और खुद युवक के केवल थप्पड़ जड़ दिया, बल्कि पुलिस वालों से पिटवाया। पीड़ित युवक कोरोना टेस्ट के लिए जा रहा था। उसने पर्ची भी दिखाई लेकिन कलेक्टर ने नहीं सूनी और जड़ दिया थप्पड़। साथ ही मोबाइल पटककर तोड़ दिया। इसका वीडियो वायरल होने पर  मचे हंगामे के बाद कलेक्टर ने माफी मांगी ली। उन्होंने बयान जारी कर कहा कि वे अपने व्यवहार से शर्मिंदा हैं। उन्होंने पिटाई खाने वाले युवक के साथ आम लोगों से भी माफी मांगी है।

सीएम ने कहा, बेहद निंदनीय घटना
सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा है कि सोशल मीडिया के माध्यम से सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा के दुर्व्यवहार का मामला मेरे संज्ञान में आया है। यह बेहद दुखद और निंदनीय है। छत्तीसगढ़ में इस तरह का कोई कृत्य कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्टर रणबीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा है कि किसी भी अधिकारी का शासकीय जीवन में इस तरह का आचरण स्वीकार्य नहीं है। इस घटना से क्षुब्ध हूं। मैं नवयुवक और उनके परिजनों से खेद व्यक्त करता हूं। वीडियो वायरल होने के बाद सुबह से कलेक्टर ट्विटर पर टॉप ट्रेंड कर रहे थे और लोग कार्रवाई की मांग कर रहे थे। अब सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया है। गौरव कुमार सिंह को सूरजपुर का नया कलेक्टर बनाया गया है। रणबीर शर्मा को मंत्रालय में तैनात कर दिया गया है।

विवादों में रहे तो फिर कलक्टर क्यों बनाया? भूपेश सरकार पर उठ रहे सवाल
कलेक्टर शर्मा पर साल 2015 में उन पर रिश्वतखोरी का आरोप भी लग चुका है। उन्हें एक पटवारी से 10 हजार रुपए रिश्वत लेने के आरोप में एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। शर्मा उस समय भानुप्रतापपुर में सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट थे। उस समय शर्मा का ट्रांसफर भी किया गया था। 2014 में एक भालू पर गोली चलवाने का मामला भी दर्ज हुआ थाभालू को 11 गोलियां मारी गई थीं। तत्कालीन प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने मामले की जांच के आदेश भी दिए थे। उस वक्त यह प्रशिक्षु आईएएस के रूप में कार्य कर रहे थे। तब उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से हटाते हुए मंत्रालय में सचिव पद पर बैठा दिया गया था। अब सरकार पर भी सवाल उठा रहे हैं कि ऐसे अफसर को उसने कलेक्टर कैसे बना दियारणबीर शर्मा 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।

आईएएस एसोसिएशन ने की निंदा
आईएएस एसोसिएशन ने ने ट्वीट कर कहा है कि हम इस व्यवहार की कड़ी निंदा करते हैं। यह अस्वीकार्य है, सेवा और सभ्यता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। सिविल सेवकों को सहानुभूति रखनी चाहिए और हर समय समाज को एक उपचारात्मक स्पर्श प्रदान करना चाहिए।

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