लखनऊ
गुरुवार सुबह लखनऊ के मोहनलालगंज में किसान पथ पर एक चलती डबल डेकर एसी स्लीपर बस में भीषण आग लग गई। बिहार से दिल्ली जा रही इस बस में करीब 60 यात्री सवार थे, जिनमें से पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में मां-बेटी, एक भाई और बहन शामिल हैं।
सुबह 5 बजे, जब अधिकतर यात्री नींद में डूबे थे, तभी अचानक बस में धुआं भरने लगा। जागते ही चीख-पुकार मच गई। लेकिन इमरजेंसी गेट ने साथ नहीं दिया — वह जाम था। खिड़कियों और दरवाजों से बाहर निकलने की कोशिशें होती रहीं, लेकिन कई यात्री आग की तेज़ लपटों में घिर गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, लपटें इतनी विकराल थीं कि एक किलोमीटर दूर से दिख रही थीं। कुछ ही मिनटों में बस जलती हुई कब्र में तब्दील हो गई। दमकल की गाड़ियां पहुंचीं, पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जब राहत दल ने बस के अंदर प्रवेश किया, तो वहां पांच जले हुए शव मिले।
मारे गए लोगों की पहचान
पुलिस ने जिन पांच मृतकों की शिनाख्त की है, वे हैं —
- लख्खी देवी (55) पत्नी अशोक मेहता
- सोनी (26), लख्खी देवी की बेटी
- देवराज (3) पुत्र रामलाल
- साक्षी (2), रामलाल की बेटी
- एक अन्य शव की अब तक पहचान नहीं हो सकी है।
शुरुआती जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि बस में 7 गैस सिलेंडर रखे गए थे, जो सभी 5 किलो के थे। गनीमत रही कि कोई सिलेंडर फटा नहीं, वरना मौतों का आंकड़ा कहीं ज्यादा होता।
इमरजेंसी गेट बंद था, जो इस त्रासदी की सबसे बड़ी वजह बन गया। पीछे बैठे यात्री फंस गए और झुलसते हुए दम तोड़ते रहे। हादसे के बाद ड्राइवर और कंडक्टर बस छोड़कर भाग निकले।
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