यूक्रेन में फंसे भारतीयों को मिला हिन्दू स्वयंसेवक संघ का सहारा, दिन-रात मदद पहुंचाने में जुटे कार्यकर्ता, इस वीडियो में सुनिए पूरी बात 

खार्किव (यूक्रेन)

यूक्रेन पर रूस के हमले से  पैदा संकट में फंसे प्रवासी भारतीयों की मदद के लिए हिन्दू स्वयंसेवक संघ आगे आया है। पूरे देश के अलग-अलग शहरों में बसे संघ के कार्यकर्ता एक दूसरे से समन्वय कर मिसाइल और बम विस्फोटों के बीच भोजन, आश्रय आदि की मदद प्रवासी भारतीयों तक पहुंचा रहे हैं। यहां तक कि कार्यकर्ताओं ने अपने घर और आफिस इनकी शरण के लिए खोल दिए हैं। एक वीडियो भी इन कार्यकर्ताओं ने ‘नई हवा’ को भेजा है जिसमें वे अपनी बात बता रहे हैं।

हिन्दू स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता अपना खाना-पीना, सोना-उठना-बैठना, काम-धंधा सब छोड़कर दिन-रात संकटग्रस्त भारतीयों तक मदद पहुंचा रहे हैं। इनकी मदद से भावुक प्रवासी भारतीय कार्यकर्ताओं का धन्यवाद कर रहे हैं और यूक्रेन की स्थितियों के बारे में बता रहे हैं कि उनके यहां 30-30 बम एक साथ फट रहे हैं। सुबह से गर्दन पर तलवार लटकी हुई थी। तेज धमाकों से पूरी बिल्डिंग हिल रही है और जगह-जगह टैंक ही टैंक दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में हिन्दू स्वयंसेवक संघ की मदद ने उनको बहुत बड़ा सहारा दिया है।

दरअसल यूक्रेन के बॉर्डर वाले एरिया में ज्यादा भयावह स्थति बनी हुई हैहिन्दू स्वयंसेवक संघ के देशभर में फैले कार्यकर्ताओं ने अंदर के शहरों के साथ ही इन बॉर्डर एरिया में भारतीयों तक मदद पहुंचाने पर विशेष फोकस किया है  करीब 25 साल से यूक्रेन के खार्किव शहर में रह रहे भारत में हरियाणा राज्य के कैथल के मूल निवासी विपुल सेठ ने ‘नई हवा’ को बताया कि हिन्दू स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता इस युद्ध संकट में यूक्रेन के अलग-अलह शहरों और राज्यों में भारतीय मूल के लोगों विशेषकर जो छात्र फंसे हुए हैं; उन तक मदद कैसे पहुंचाई जाए; इसे लेकर आपस में कॉर्डिनेट कर काम कर रहे हैं

यूरोप के कार्यकर्ताओं से भी समन्वय
विपुल सेठ ने बताया कि यूरोप के हिन्दू स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता भी यूक्रेन में फंसे भारतीयों की बराबर मदद कर रहे हैं। उनके साथ हमारी लगातार बैठकें हो रही हैं। समन्वय के साथ काम किया जा रहा है। उन तक यूक्रेन की फीडबैक पहुंचाई जा रही है और यूरोप के कार्यकर्ता उनके यहां के दूतावासों से बराबर सम्पर्क भारतीयों की स्थिति से अवगत करा रहे हैं।

विपुल सेठ के यहां शरण लिए हुए एक भारतीय परिवार

विपुल सेठ ने बताया कि यूक्रेन के कई शहर रोमानिया, हंगरी, पोलैंड, चैक के बार्डर से लगते हैं। इन बॉर्डर के शेरोन में बसे भारतीयों को दूसरी जगह कार्यकर्ताओं के यहां शिफ्ट करने में  मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारतीयों छात्रों तक ज्यादा मदद पहुंचाने के प्रयास कर रहे हैं क्योंकि हमारे छात्र यूक्रेन की भाषा नहीं समझ पा रहे हैं। आसपास के समस्या ग्रस्त भारतीयों को उनके निकटतम कार्यकर्ता  भोजन उपलब्ध करा पा रहे हैं। इस तरह तीन दिन से पूरे समर्पित भाव से जिसके जो संभव हो सकता है; मदद कर रहे हैं।

कौन हैं विपुल सेठ?
विपुल सेठ मूलत: हरियाणा राज्य के कैथल निवासी हैं और उनके बड़े भाई अतुल सेठ भी यूक्रेन के  शहर निप्रो में रहते हैं और दोनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रथम वर्ष शिक्षित कार्यकर्ता हैं। पिता डॉ. शशि पाल सेठ भी युवावस्था से ही स्वयंसेवक थे। माता श्रीमती नीलम सेठ, राष्ट्रीय सेविका समिति की सक्रिय कार्यकर्ता हैं। विपुल सेठ का पूरे यूक्रेन में साइकिल के पुर्जों, ऑटो पुर्ज़ों का संपूर्ण बिक्री का व्यवसाय है। खार्किव में गोवा इंडियन रेस्टोरेंट चल रहा है। जहां से सभी सभी जरूरतमंद छात्रों को भोजन की आपूर्ति की जाती है। उन्होंने अपने कार्यालय को भी आश्रय स्थल बना दिया है।

मदद की एक व्यवस्था यह भी
यूक्रेन में  ही बसे  हिन्दू स्वयंसेवक संघ के एक और कार्यकर्ता सूर्य मणि  ने बताया कि यूक्रेन के कार्यकर्ताओं द्वारा वहां रह रहे अप्रवासी भारतीयों की सहायता आदि के लिए एक व्यवस्था बनाई गई है
 

उन्होंने बताया कि यूक्रेन में जिन भारतीयों को  किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता है वे इसके लिए  इस लिंक पर जाकर गूगल फॉर्म  भर सकते हैं।

https://forms.gle/eABJQMrgyusyxb7P7