‘कुतुब मीनार में खुदाई का कोई फैसला नहीं लिया गया’, केंद्रीय मंत्री का बयान

नई दिल्ली | नई हवा ब्यूरो 

केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने मीडिया रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा है कि अभी कुतुब मीनार खुदाई का कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा क पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की ओर से कुतुब मीनार परिसर में कोई भी खुदाई नहीं की जाएगी। अभी तक इस बारे में हमने कोई भी डिसीजन नहीं लिया है।

इससे पहले खबर आई थी कि कुतुब मीनार के पास स्थित मस्जिद से 15 मीटर की दूरी पर खुदाई की जा सकती है। इसको लेकर मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन ने शनिवार को इसके लिए हाईलेवल मीटिंग भी की है। कुतुब मीनार में 1991 में अंतिम बार खुदाई का काम हुआ था।

आपको बता दें कि कुतुब मीनार दिल्ली की साकेत कोर्ट में 24 मई को सुनवाई होनी है। इस बीच रिपोर्ट आई थी कि संस्कृति मंत्रालय ने निर्देश दिए हैं कि कुतुब मीनार में मूर्तियों की Iconography कराई जाए एक रिपोर्ट के आधार पर कुतुब मीनार परिसर में खुदाई का काम किया जाएगा इसके बाद ASI संस्कृति मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा

ASI के पूर्व रीजनल डायरेक्टर ने किया था ये दावा
एक मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में ASI के पूर्व रीजनल डायरेक्टर धर्मवीर शर्मा ने दावा किया था कि कुतुब मीनार को कुतब-उद-दीन ऐबक ने नहीं बनवाया था। उन्होंने इसको लेकर 3 बड़े दावे किए थे। यह कुतुब मीनार नहीं, सन टॉवर है। इस संबंध में बहुत सारे सबूत हैं। शर्मा ने ASI की तरफ से कई बार कुतुब मीनार का सर्वेक्षण किया है।

उन्होंने कहा, ‘कुतुब मीनार के टॉवर में 25 इंच का टिल्ट (झुकाव) है, क्योंकि यहां से सूर्य का अध्ययन किया जाता था। इसीलिए 21 जून को सूर्य आकाश में जगह बदल रहा था; तब भी कुतुब मीनार की उस जगह पर आधे घंटे तक छाया नहीं पड़ी। यह विज्ञान है और एक पुरातात्विक साक्ष्य भी।’

शर्मा ने बताया कि लोग दावा करते हैं कि कुतुब मीनार एक स्वतंत्र इमारत है और इसका संबंध करीब की मस्जिद से नहीं है। दरअसल, इसके दरवाजे नॉर्थ फेसिंग हैं, ताकि इससे रात में ध्रुव तारा देखा जा सके।

24 मई को कोर्ट में है सुनवाई 
दिल्ली के साकेत कोर्ट में 17 मई को कुतुबमीनार परिसर में पूजा की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टल गई थी। इस याचिका पर 24 मई को सुनवाई होनी है। यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि कुतुबमीनार स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को हिन्दू और जैन धर्म के 27 मंदिर को तोड़कर बनाया गया है। ऐसे में वहां फिर से मूर्तियां स्थापित की जाएं और पूजा करने की इजाजत दी जाए।

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