राजस्थान के सुनील बंसल को भाजपा ने UP से मुक्त कर राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया, तीन राज्यों के प्रभारी का भी मिला जिम्मा 

नई दिल्ली 

भाजपा ने यूपी भाजपा में बुधवार को बड़ा फेरबदलकरते हुए राजस्थान निवासी सुनील बंसल प्रमोट कर उनको अब राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है। पिछले साढ़े आठ सालों में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को चार बड़ी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले सुनील बंसल अभी तक UP भाजपा के संगठन महामंत्री थे। अब उनकी जगह UP भाजपा का  संगठन महामंत्री धर्मपाल को नियुक्त किया गया है। धर्मपाल इससे पहले झारखंड के प्रदेश महामंत्री संगठन थे।

आपको बता दें कि नई हवा ने सबसे पहले सूत्रों के हवाले से यह खबर दी थी कि सुनील बंसल को पार्टी संगठन में बड़ी अहम जिम्मेदारी मिलने वाली है। बुधवार को सुनील बंसल को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त करते हुए उनको पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और तेलंगाना जैसे प्रदेशों का भी प्रभारी के तौर पर जिम्मा सौंपा गया है

भाजपा में सुनील बंसल का बढ़ेगा कद, राष्ट्रीय राजनीति में आएंगे, अब तीन राज्यों की जिम्मेदारी

बंसल को 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री और तत्कालीन महासचिव अमित शाह की सहायता के लिए यूपी इकाई में लाया गया था। उस आम चुनाव में यूपी की 80 में से 71 सीटों पर भाजपा को मिली जीत के बाद सुनील बंसल पहली बार चर्चा में आए थे और उनकी छवि पार्टी में रणनीतिकार के तौर पर बनी थी।

सुनील बंसल राजस्थान में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् में प्रचारक थे। उसके बाद राजनीति में आए और UP का प्रभारी बनाया गया। अब बंसल, कैलाश विजयवर्गीय से पश्चिम बंगाल का दायित्व संभालेंगे। बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जैसी सफलता की उम्मीद थी वैसी सफलता नहीं मिली और उसके बाद से ही कई नेता तृणमूल का दामन थाम चुके हैं। ऐसे में पार्टी ने बंसल जैसे आजमाए हुए योद्धा पर दांव खेलकर उन्हें मुश्किल मोर्चे पर लगाया है। अगले साल तेलंगाना में भी विधानसभा चुनाव होने हैं और पार्टी वहां हैदराबाद नगर  निगम चुनाव और उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद से उत्साहित है।

शाह के करीबी माने जाने वाले बंसल ने 2014 में राज्य की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 71 सीटों पर और 2017 में विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और खुद को साबित किया। इसके बाद भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा-रालोद के महागठबंधन को हराकर जीत हासिल की। इसने 2022 के विधानसभा चुनाव जीतकर राज्य में भी सत्ता बरकरार रखी। इस बीच पार्टी ने राज्य में राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में भी जीत हासिल की।

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