कविता

डॉ. विनीता राठौड़
हे कृष्ण गोपाल!
हे नंद के लाल!
हे महा सुदर्शनधारी!
हे जगत के पालनहारी!
कोरोना की क्या मजाल?
जो करे आपकी संतानों का बाँका बाल
अब आई इसके नाश की बारी
कोरोना पर पड़ जाओ भारी
उम्मीद का दिया जलाएं हम सब
सर्वनाश कोरोना का शीघ्र हो अब
सुदर्शन चक्र से प्रभु करो इस पर वार
हो जाए जगत का बेड़ा पार।
( लेखिका राजकीय महाविद्यालय, नाथद्वारा में प्राणीशास्त्र की सह आचार्य हैं)
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