प्रयागराज
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के एक मृत कर्मचारी की पत्नी द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के दावे को खारिज किए जाने के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि मृतक की आय के अनुपात में परिवार की मौजूदा आर्थिक स्थिति “वित्तीय संकट” की श्रेणी में नहीं आती। कोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट किया कि अनुकम्पा नियुक्ति का उद्देश्य केवल उस स्थिति में राहत देना है, जब मृतक की असमय मृत्यु से परिवार को वास्तविक आर्थिक संकट का सामना करना पड़े।
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क्या था मामला?
याचिका दायर करने वाली चंचल सोनकर के पति वर्ष 2022 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कार्यरत रहते हुए निधन हो गया था। उस समय मृतक का अंतिम सकल वेतन ₹1,18,800 प्रति माह था। पति की मृत्यु के बाद चंचल सोनकर ने बैंक से अनुकम्पा नियुक्ति की मांग की, लेकिन बैंक ने यह कहते हुए अनुरोध अस्वीकार कर दिया कि परिवार की आय आर्थिक संकट की परिभाषा में नहीं आती।
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति अजय भनोट की एकल पीठ ने कहा कि चंचल सोनकर के परिवार की आय, मृतक के अंतिम वेतन के 75 प्रतिशत से अधिक है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि परिवार को किसी तरह का वित्तीय अभाव नहीं है। कोर्ट ने कहा:
‘अनुकम्पा नियुक्ति का उद्देश्य किसी अप्रत्याशित लाभ को सुनिश्चित करना नहीं, बल्कि तत्काल वित्तीय संकट की स्थिति में सहायता देना है। यदि परिवार की रसोई चल रही है, तो अनुकम्पा नियुक्ति का औचित्य खत्म हो जाता है।’
कोर्ट की सख्त टिप्पणी
हाईकोर्ट ने कहा कि अनुकम्पा नियुक्तियों को लेकर यदि अत्यधिक उदार रुख अपनाया गया, तो ये पारंपरिक भर्ती प्रक्रिया को दरकिनार कर देंगी। इससे न केवल मेधावी उम्मीदवारों के अवसर प्रभावित होंगे, बल्कि ये नियमबद्ध सेवा प्रणाली के खिलाफ भी होंगी।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘योग्यता माता-पिता से नहीं मानी जा सकती, बल्कि उसे प्रतिस्पर्धा के माध्यम से अर्जित किया जाना चाहिए।’
नतीजा:
इन तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने चंचल सोनकर की याचिका खारिज कर दी और बैंक के निर्णय को सही ठहराया।
अनुकम्पा नियुक्ति से जुड़े कोर्ट के दिशा-निर्देश
(महत्वपूर्ण बिंदु — हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के आधार पर)
- तत्काल वित्तीय संकट जरूरी
नियुक्ति केवल तब दी जा सकती है जब मृतक की मृत्यु के बाद परिवार को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़े। - पारिवारिक आय का मूल्यांकन जरूरी
यदि मृतक के परिवार की वर्तमान आय, अंतिम वेतन का बड़ा हिस्सा कवर कर रही है, तो यह अनुकम्पा नियुक्ति का आधार नहीं बनता। - कोई कानूनी अधिकार नहीं
अनुकम्पा नियुक्ति कोई अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेष छूट है, जो केवल जरूरत के आधार पर दी जाती है। - योग्यता की प्राथमिकता
कोर्ट ने कहा, ‘सरकारी पद पर नियुक्ति का आधार केवल योग्यता और प्रतियोगिता होनी चाहिए।’ - भर्ती प्रक्रिया में संतुलन जरूरी
यदि इस सुविधा का दायरा बढ़ाया गया तो यह सामान्य भर्ती प्रक्रियाओं को प्रभावित करेगा और योग्य उम्मीदवारों का हक मारा जाएगा।
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