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एक तलाकशुदा पत्नी ने अपने पति से गुजारा भत्ता देने के लिए ऐसी लंबी चौड़ी डिमांड रख दी कि अदालत हैरान रह गई। महिला के वकील ने भी डिमांड पूरी करने के लिए बहुत तर्क-कुतर्क किए तो अदालत को कहना पड़ा- ‘ये इंतहा है… अगर इतना ही शौक है तो खुद कमाएं।‘ अब इस मामले की कानूनी कार्रवाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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गुजारा भत्ते का यह अजीबोगरीब मामला कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) का है जहां कोर्ट में मौजूद लोग भी तलाक मांगने वाली महिला की डिमांड सुनकर भौचक्के रह गए। दरअसल बेंगलुरू (Bangalore) की इस महिला ने गुजारा भत्ता के लिए 6 लाख 16 हजार रुपए महीना दिलाने की डिमांड रख दी थी। महिला की इस भारी-भरकम डिमांड सुनकर मामले की सुनवाई कर रहीं जज साहिबा भी हैरान रह गईं। जज ने कहा- ‘अगली सुनवाई में सही आंकड़ों के साथ आइए।भला इतनी रकम कौन खर्च करता है।‘ इस पर महिला के वकील ने कहा कि उनकी क्लाइंट ब्रांडेड कपड़े पहनती हैं और इसके अलावा उन्होंने एक सांस में कई खर्च गिना डाले। भारी भरकम धनराशि की मांग कहां खर्च होगी यह सुनकर जज भड़क गईं।
Marriage is Scary Guys 😳
— Anuj Prajapati (@anujprajapati11) August 21, 2024
Wife ask for ₹6,16,300 per month as Maintenance 😳
Wife asked this amount for herself, she Didn’t have Any Children 🤔
Hats off to the Judge Who Said “If she want to spend this much, let her earn, not on the husband" #viralvideo pic.twitter.com/OoP2JIlL5k
महिला ने की ये डिमांड
पत्नी ने अपने पति से गुजारा भत्ता की मांग की, जिसे सुनकर जज भी हैरान हो गए। पत्नी ने दैनिक उपयोग के लिए 50,000 रुपये और संगीत, नृत्य, साइकिल चलाने, तैराकी, तानपुरा, बास्केटबॉल, फुटबॉल, क्रिकेट और हॉकी के लिए अलग-अलग मात्रा में धन मांगा था। इसके अलावा, वह अपने पालतू के लिए भी 5000 रुपये मांग रही थी। जज ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया और कहा कि अगर आपके ज्यादा शौक हैं तो आप खुद कमाइए।
- घुटने के फिजियोथेरेपी के लिए 4-5 लाख महीना
- जूते-कपड़ों के लिए 15,000 हर महीने
- घर में खाने के लिए लिए हर महीना 60,000 रुपए महीना
- बाहर खाने के लिए अलग से पैसों की मांग इसमें शामिल है
फिर जज ने सुनाई खरी खोटी
हाई कोर्ट की जज ने यह लिस्ट देखकर बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, ‘एक अकेली महिला इतना खर्च नहीं कर सकती। अगर उन्हें ब्रांडेड का शौक है तो खुद कमाना (Let her earn) चाहिए। ऐसे मामले कोर्ट की प्रक्रिया का शोषण हैं। अगर वो इतना पैसा खर्च करना चाहती हैं तो खुद कमा सकती हैं। कृपया कोर्ट को ये न बताएं कि एक व्यक्ति को बस इतना ही चाहिए। 6 लाख 16 हजार 300 रुपए प्रति माह! क्या कोई इतना खर्च करता है? जज ने कहा कि एक अकेली महिला अपने लिए इतना खर्च करना चाहती हैं तो उन्हें खुद कमाना होगा। आपके पास परिवार की कोई और जिम्मेदारी नहीं है। आपको बच्चों की देखभाल करने की जरूरत नहीं है। आप इस धनराशि को बस अपने लिए चाहती हैं। आपको संवेदनशील होना चाहिए।’ जज ने कहा- ‘पत्नी से विवाद है तो क्या पति को ऐसे सजा देंगे। कानून ये नहीं कहता है। ये शोषण है।‘ जज ने महिला के वकील से भी कहा कि वह उचित राशि की मांग करें नहीं तो उनकी याचिका खारिज कर दी जाएगी।
ये सुनवाई 20 अगस्त 2024 को हुई थी। इससे पहले 30 सितंबर, 2023 को अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश, फैमिली कोर्ट, बेंगलुरु ने महिला के पति को उसे 50,000 रुपये का मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। इस पर महिला ने अंतरिम गुजारा भत्ता राशि बढ़ाने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था।
सोशल मीडिया पर आया ये कमेन्ट-पति है जिनी नहीं
इस महिला ने कर्नाटक हाईकोर्ट में पति से 6 लाख 16 हजार रुपये मेंटीनेंस की मांग को लेकर गुहार लगाई गई तो सोशल मीडिया पर मामला वायरल हो गया। कुछ नेटिजंस ने कहा, ‘अरी बहन ये पति (एक्स हसबैंड) है, ‘जिनी’ नहीं जो तलाक के बाद भी आपकी हर विश पूरी करता रहेगा।
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