वैक्सीनेशन को पलीता लगाते पकड़ी गईं ANM निहा खान, सिर्फ सुई चुभाकर कूड़ेदान में फेंक देती थी वैक्सीन

अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)


दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश


एक तरफ सरकार कोरोना वैक्सीन की एक-एक डोज की बर्बादी रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही है वहीं बीते दिनों उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ में चौंका देने और हिला देने वाला मामला सामने आया है दरअसल टीकाकरण के लिए आने वालों को सुई तो चुभोई जाती थी, लेकिन वैक्सीन इंसर्ट करने की बजाय दवा भरी सिरिंज डस्टबीन में फेंक दी जाती थी। अलीगढ़ के जमालपुर UPHC सेंटर पर तैनात ANM निहा खान लोगों के  Covid-19 की वैक्सीन न लगा कर सिर्फ चुभोती थी और फेंक देती थी। यह राज तब खुला जब कूड़ेदान में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) से भरी हुई 29 सिरिंज मिलीं, जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया अब प्रशासन उन लोगों को खोज रहा है जिन्होंने इस सेंटर पर Covid-19 की वैक्सीन लगवाई थी वैक्सीन की बर्बादी के बारे में जैसे ही आला अधिकारियों को पता लगा तो इस मामले की जांच 2 ACMO स्तर के अधिकारी डॉ. एम.के.माथुर और डॉ. दुर्गेश कुमार को दी गई। जांच में ANM निहा खान और मेडिकल ऑफिसर डॉ. आरफीन को दोषी पाया गया है। 

जांच के बाद ANM की सेवाएं समाप्त, चिकित्सा अधिकारी को भी हटाया
इस मामले में 26 मई को बैठी जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट शुक्रवार 28 मई को जिला स्वास्थ्य समिति को सौंप दी। रिपोर्ट के बाद निहा खान की सेवा समाप्त करने का आदेश दे दिया गया और तथ्यों को छुपाने के आरोप में डॉ. आफ़रीन को जमालपुर UPHC से हटाकर हरदुआगंज तबादला कर दिया गया है।
इन पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, महामारी अधिनियम का उल्लंघन, साजिश व गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है। चिकित्साधिकारी डॉ. आफ़रीन की वेतन वृद्धि रोकने के आदेश भी दे दिए गए हैं। डॉ. आफ़रीन, निहा द्वारा की जा रही लापरवाही से अवगत थी। लेकिन डॉ.आफ़रीन ने न तो आरोपित एएनएम के खिलाफ खुद कोई कार्रवाई की और न विभाग को इसकी सूचना दी। प्रशासन ने इसके अलावा फार्मासिस्ट अरविंद कश्यप को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जीवनगढ़, संविदा स्टाफ नर्स सोनम राजौरिया को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महफूज नगर व यहां की स्टाफ नर्स रेखा राजपूत को जमालपुर में तैनात किया है। संविदा एएनएम अन्नू को हटाकर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भुजपुरा में तैनात किया गया है।अलीगढ़ जिलाधीश चंद्र भूषण सिंह ने कहा है कि जांच के आधार पर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश भी दे दिया गया है। आपको बता दें कि जमालपुर क्षेत्र में बड़ी संख्या में कोरोना वायरस संक्रमण के मरीज मिले थे। जिसके बाद इस क्षेत्र में हर दिन 250 लोगों का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया था।

ऐसे पकड़ में आया मामला
24 मई को अलीगढ़ के जमालपुर अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (UPHC) में निरीक्षण के दौरान कूड़ेदान में मिलीं वैक्सीन से भरी 29 सिरिंज पाई गईं। इसके बाद मामले की सूचना तत्काल मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भानु प्रताप कल्याणी को दी गई जिनके द्वारा जांच का आदेश दिया गया। जांच में केंद्र में तैनात सभी लोगों के बयान दर्ज किए गए। स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थित अन्य स्टाफ का कहना है कि एएनएम निहा खान टीकाकरण करने के बजाय वैक्सीन से भरी सिरिंज तोड़कर कूड़ेदान में फेंक रही थी। इसके बाद जब स्टाफ ने निहा से बात की तो उसने कहा कि ‘मूड खराब’ है। जांच में निहा खान को टीका लाभार्थी को न लगाकर कचरे में फेंकने का दोषी माना गया  

यह लिखा गया है रिपोर्ट में
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. दुर्गेश कुमार व उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी शरद अग्रवाल की ओर से पुलिस को दी गई तहरीर में बताया गया है कि वैक्सीन एवं कोल्ड चैन मैनेजर रविंद्र शर्मा ने 22 मई को जमालपुर अर्बन पीएचसी का निरीक्षण किया था। उन्होंने बताया कि कोविड पोर्टल के अनुसार उक्त तिथि को 18 से 44 वर्ष आयु के 200 लोगों का टीकाकरण (कोवैक्सीन) किया गया। इस सत्र में 29 ऐसी सिरिंज ऐसी मिलीं, जिनमें वैक्सीन भरी हुई थी और हब कटा था। जिससे पता चला कि काफी लाभाॢथयों को बिना वैक्सीन के पोर्टल पर अपडेट किया गया। वायल से वैक्सीन भरने के बाद भी लाभाॢथयों को टीके से वंचित रखा। ऐसा जानबूझकर किया हुआ प्रतीत होता है। प्रभारी चिकित्साधिकारी व फार्मासिस्ट ने टीकाकरण कर्मियों को जिम्मेदार ठहराया। जांच समिति ने रिपोर्ट दी कि संविदा एएनएम ने 15 टीके लगाने का बयान दिया, जबकि उस दिन 60-70 टीके लगाए। प्रभारी चिकित्साधिकारी के संज्ञान में यह मामला था, लेकिन उन्होंने सीएमओ को कोई सूचना नहीं दी। इसलिए वे तथ्यों को छुपाने के दोषी हैं। निहा खान को 29 डोज लाभार्थी को न लगाकर कचरे में फेंकने का दोषी माना है। निहा खान ने इस कृत्य से राष्ट्रीय कार्यक्रम को क्षति पहुंचाई है। महामारी अधिनियम का उल्लंघन करते हुए जनमानस की भावनाओं से खिलवाड़ किया है। पुलिस ने प्रभारी चिकित्साधिकारी व नौकरी से निकाली गईं एएनएम के खिलाफ आपदा अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, तथ्यों को छुपाने, मिथ्या सूचना देने, जानबूझकर कूटरचित कृत्य करना, सांझा साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया है।

अब टीका लगवाने वालों खोज  रहे अधिकारी
जमालपुर अर्बन पीएचसी पर 10 मई से टीकाकरण किया जा रहा है। यहां से रोजाना अच्छे वैक्सीनेशन की रिपोर्ट प्राप्त हो रही थी, लेकिन 22 मई को निरीक्षण में वैक्सीन भरी 29 सिरेंज कचरे में मिली। इस दिन कुल 200 लोगों को टीके लगाए गए। टीका लगवाने वालों को विभाग के अधिकारी फोन कर यह पता लगा रहे हैं कि किसी को कहीं कोई शक तो नहीं है। शक वालों को दोबारा टीका लगवाने पर विचार किया जाएगा।

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डाक्टर व एएनएम पर लगे रासुका
पूर्व मेयर शकुंतला भारती ने कहा है कि प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. आरफीन जेहरा व एएनएम निहा खान ने सरकार को बदनाम करने के लिए साजिश के तहत वैक्सीन भरी सिरिंज  कचरे में डालीं। फर्जी टीकाकरण करने वाली एएनएम व मामले को दबाने के आरोपित प्रभारी चिकित्साधिकारी पर रासुका के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। पूर्व मेयर ने सोमवार को डीएम व एसएसपी को भी ज्ञापन सौंपने की जानकारी दी।