महात्मा गांधी की चिंतनधारा

महात्मा गांधी एक ऐसे समाज विज्ञानी थे जो हर व्यक्ति को समाज का केंद्र बनाना चाहते थे। वे ऐसे आधुनिक और बुद्धि संगत व्यक्ति थे

गांधी मार्ग से ही सुलझ सकती हैं समस्याएं

गांधी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। हम सब उन्हें राष्ट्रीय आंदोलन के नेता के रूप में जानते हैं।

कैसे बनी भारत की पहली अंतरिम सरकार? नेताजी को क्यों बोला जाना चाहिए पहला प्रधानमंत्री?

भले ही पं. जवाहर लाल नेहरू को आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री का तमगा पहना दिया गया हो। पर ऐतिहासिक सच्चाई यह है कि 1943 में भारत…

जयहिंद, आजाद हिंद फौज और सुभाष चन्द्र बोस

सुभाष चंद्र बोस एक महान राजनीतिक नेता थे। उग्र देशभक्ति और भारत में ब्रिटिश शासन के प्रति शत्रुता, उनके व्यक्तित्व का सार था। 1920 में उन्होंने इंडियन सिविल सर्विस की परीक्षा में…

खालसा पंथ की प्रासंगिकता

श्री गुरूगोविन्द सिंह जी महाराज ने सदियों से विदेशी आक्रान्ताओं द्वारा दलित, आत्मसम्मान खो रहे हिन्दू समाज में स्वधर्म के लिए आस्था एवं राष्ट्रगौरव के लिए आत्मोत्सर्ग की भावना …

स्वामी विवेकानंद का भारत और युवा वर्ग

स्वामी विवेकानंद ने भारत के परंपरागत जीवन मूल्यों और आदर्शों को तो आत्मसात किया ही था , साथ ही पाश्चात्य सभ्यता की ऊर्जा को भी समझ लिया था। आधुनिक परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुरूप उन्होंने हिंदू धर्म की पुनः व्याख्या की तथा उसे राष्ट्रवाद से जोड़ दिया। …

सम्पूर्ण ज्ञान और शक्ति हमारे भीतर, उसे पहचानो : स्वामी विवेकानंद

शिक्षा सदैव ही चिन्तन मनन एवं लेखन का केन्द्रीय बिन्दु रही है। पुरातन काल से अद्यतन नई शिक्षा नीति- 2020 तक समय-समय पर नई- नई अवधारणाओं के साथ नए-नए प्रयोग शिक्षा के क्षेत्र में किए जाते रहे हैं। …

‘ अमरीकी भाइयों और बहनों ‘ कहते ही गूंज उठी धर्म सभा

स्वामी विवेकानन्द का अमेरिका के शिकागो में दिया गया भाषण सबसे ज़्यादा चर्चित है। पढ़िए स्वामी विवेकानंद का पूरा भाषण …

‘अनुभव’ जीवन का सर्वश्रेष्ठ शिक्षक : स्वामी विवेकानन्द

वेदों के ज्ञाता और महान दार्शनिक स्वामी विवेकानन्द ने न सिर्फ भारत के उत्थान के लिए काम किया बल्कि लोगों को जीवन जीने की कला भी सिखाई। …