नई दिल्ली
कर्मचारियों की Salary और PF से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है। केंद्र सरकार ने जो New Wage Code तैयार किया है, वह अब इस माह यानी जुलाई में लागू नहीं होगा। सूत्र बता रहे हैं कि अब यह जुलाई नहीं बल्कि अक्टूबर से ही लागू हो पाएगा। इसकी वजह भी सामने आई है। बताया गया कि केंद्र सरकार तो वेज कोड को नोटिफाई (New Wage Code Notify) करने को तैयार है। लेकिन, राज्यों और कंपनियों की तरफ से ड्राफ्ट रूल्स में देरी के चलते इसे नोटिफाई करना मुश्किल हो रहा है। इसलिए New Wage Code अक्टूबर से पहले लागू होने की कोई उम्मीद नहीं है। हालांकि न्यू वेज कोड कब से लागू होगा, इसकी डेडलाइन अभी तय नहीं है।
आपको बता दें कि सरकार ने अप्रेल‐2021 में इसे लागू करने का ऐलान किया था। इसके बाद कुछ कारणों के चलते इसे टाल दिया गया। हालांकि तब यह उम्मीद जताई गई थी कि इसे जुलाई – 2021 में लागू किया जाएगा। लेकिन अभी तक इसको लेकर राज्यों की ओर से कोई रेस्पान्स नहीं मिल पाया है। सूत्रों की मानें तो नया वेज कोड (New Wage Code 2021) जुलाई में भी लागू नहीं होगा।नए वेज कोड में कई ऐसे प्रावधान दिए गए हैं, जिससे ऑफिस में काम करने वाले सैलरीड क्लास, मिलों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों तक पर असर पड़ेगा। कर्मचारियों की सैलरी से लेकर उनकी छुट्टियां और काम के घंटे भी बदल जाएंगे।
लागू करने में ये आ रहीं हैं
परेशानियां New Wage Code 2021 को लेकर राज्यों ने ड्राफ्ट रूल्स तैयार नहीं किए। इसलिए केंद्र सरकार को इसे नोटिफाई करना मुश्किल हो रहा है। जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, बिहार और जम्मू-कश्मीर ने ड्राफ्ट रूल्स को पब्लिश किया है। हरियाणा, मेघालय, छत्तीसगढ़, गोवा, सिक्किम, त्रिपुरा और झारखंड के ड्राफ्ट रूल्स अंतिम चरण में हैं। पंजाब ने भी अपने ड्राफ्ट रूल जारी कर दिए हैं, लेकिन उसमें 3 कोड का ज़िक्र किया है, चौथे कोड Occupational Safety, Health and working conditions का ज़िक्र नहीं किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार बिना राज्यों की सहमति के नोटिफिकेशन जारी नहीं करना चाहती। राज्यों से सितंबर 2021 तक पब्लिश करने को कहा गया है। राज्यों के ड्राफ्ट रूल्स मिलते ही अक्टूबर 2021 से न्यू वेज कोड (New Wage Code 2021) लागू कर दिया जाएगा। हालांकि, ड्राफ्ट रूल्स पब्लिश होने के बाद भी राज्यों को सभी स्टेकहोल्डर्स से कमेंट्स और सुझाव मंगाने के लिए 30-45 दिनों का वक्त देना होगा। सुझावों के आधार पर ही कोड को फाइनल किया जाएगा और फिर नोटिफाई किया जा सकेगा। इसलिए माना जा रहा है कि यह अक्टूबर तक ही लागू पाएगा।
यह है New wages code
सरकार ने 29 केंद्रीय श्रम कानूनों को मिलाकर 4 नए कोड (New Wages Code) बनाए हैं। इनमें इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, कोड ऑन ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (OSH), सोशल सिक्योरिटी कोड और कोड ऑन वेजेज शामिल हैं। लेकिन, सबसे बड़ा बदलाव ‘वेज’ की परिभाषा का है। इसमें विस्तार किया गया है। नए लेबर कोड का मकसद कंसोलिडेशन पर है। सैलरी का 50 फीसदी सीधे तौर पर वेजेज में शामिल होगा। संसद से श्रम सुधारों से जुड़े नए कानून पास हो चुके हैं। अब इन्हें लागू करना है।
बदल जाएगा सैलरी स्ट्रक्चर
न्यू वेज कोड एक्ट 2019 (New Wage Code Act 2019) के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत (Cost To Company-CTC) के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है। अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े। न्यू वेज कोड लागू होने से कर्मचारियों का सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा। कर्मचारियों की ‘Take Home Salary’ घट जाएगी, क्योंकि Basic Pay बढ़ने से कर्मचारियों का PF ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा।
कर्मचारियों के लिए सोशल सिक्योरिटी (Social Security) काफी अहम है। इसमें कई अहम पहलू हैं। कर्मचारियों के काम के घंटे, सालाना छुट्टियां, पेंशन, PF, टेक होम सैलरी, रिटायरमेंट जैसे अहम मुद्दे पर नियमों में बदलाव होना है।
PF के अलावा Gratuity पर भी असर
प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) के साथ ग्रेच्युटी (Gratuity) में भी योगदान बढ़ेगा। टेक होम सैलरी जरूर घटेगी लेकिन कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ज्यादा रकम मिलेगी। असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी न्यू वेज कोड (New wage Code 2021) लागू होगा। सैलरी और बोनस से जुड़े नियम बदलेंगे और हर इंडस्ट्री और सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में समानता आएगी।
कर्मचारियों को मिलेंगे ये फायदे
- नया वेज कोड लागू हुआ तो कर्मचारियों के अर्जित अवकाश (Earned Leave) 240 से बढ़कर 300 हो सकते हैं।
- काम के घंटे बढ़कर 12 हो जाएंगे। प्रस्तावित लेबर कोड के अनुसार हफ्ते में 48 घंटे कामकाज का नियम ही लागू रहेगा।अगर कोई दिन में 8 घंटे काम करता है तो उसे हफ्ते में 6 दिन काम करना होगा और एक दिन की छुट्टी मिलेगी।अगर कोई कंपनी दिन में 12 घंटे काम को अपनाती है तो बाकी 3 दिन उसे कर्मचारी को छुट्टी देनी होगी। पर इसके लिए कर्मचारी और कंपनी दोनों के बीच सहमति होना भी जरूरी है।
- सभी तरह के वर्कर्स को न्यूनतम मजदूरी देनी होगी।
- सामाजिक सुरक्षा (Social Security) के लिए प्रॉविडेंट फंड (Provident Fund) की सुविधा दी जाएगी।
- संगठित और असगंठित सेक्टर के सभी कर्मचारियों को ईएसआई (ESI) का कवरेज मिलेगा।
- महिलाओं को सभी तरह के कारोबारों में काम करने की इजाजत होगी।
- नए नियमों के बाद कर्मचारियों की टेक-होम-सैलरी (Take Home Salary) में कमी आ सकती है, क्योंकि वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत (Cost To Company-CTC) के 50 प्रतिशत से कम नहीं हो सकती है।
- बेसिक सैलरी (Basic Salary) बढ़ने से कर्मचारियों का पीएफ (PF) ज्यादा कटेगा।
- पीएफ के साथ मासिक ग्रैच्युटी (Monthly Gratuity) में भी योगदान बढ़ जाएगा।
- असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी नया वेज कोड लागू होगा।
- सैलरी और बोनस से जुड़े नियम बदलेंगे और हर इंडस्ट्री और सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में समानता आएगी।