भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने सभी रेलकर्मियों (Railway Employees) और ठेका कर्मचारियों के लिए यूनिफॉर्म स्मार्ट ID कार्ड अनिवार्य कर दिया है। 12 अंकों का यूनिक नंबर सुरक्षा और पहचान में पारदर्शिता लाएगा।
नई दिल्ली
भारतीय रेलवे अब सिर्फ पटरियों पर नहीं, पहचान व्यवस्था में भी एकरूपता की पटरी पर दौड़ने जा रहा है। ‘एक देश, एक रेलवे’ की सोच को आगे बढ़ाते हुए रेलवे बोर्ड ने देशभर के सभी रेल अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेका कर्मियों के लिए यूनिफॉर्म आइडेंटिटी कार्ड अनिवार्य कर दिया है। इस नई व्यवस्था की रीढ़ होगा एक 12 अंकों का यूनिक आइडेंटिटी नंबर, जो हर रेलकर्मी की तैनाती, जोन, डिवीजन और व्यक्तिगत पहचान को एक नजर में उजागर करेगा।
रेलवे बोर्ड द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार यह 12 अंकों का कोड पूरी तरह वैज्ञानिक कोडिंग सिस्टम पर आधारित होगा।
- पहले दो अंक कार्ड जारी होने का वर्ष दर्शाएंगे — जैसे 2025 में जारी कार्ड की शुरुआत 25 से होगी।
- अगले दो अंक संबंधित रेलवे जोन या यूनिट का कोड बताएंगे — उदाहरण के तौर पर उत्तर मध्य रेलवे के लिए 09 और दक्षिण रेलवे के लिए 10।
- इसके बाद के दो अंक कर्मचारी के डिवीजन, वर्कशॉप या मुख्यालय की पहचान करेंगे।
- अंतिम छह अंक कर्मचारी का व्यक्तिगत सीरियल नंबर होंगे।
इस कोडिंग सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सिर्फ नंबर देखकर ही यह पता चल सकेगा कि कर्मचारी किस जोन, किस डिवीजन और किस यूनिट में तैनात है। इससे न केवल फर्जी आईडी कार्ड पर रोक लगेगी, बल्कि सुरक्षा जांच भी कहीं ज्यादा तेज और पारदर्शी होगी।
रेलवे बोर्ड ने उत्तर मध्य रेलवे सहित सभी जोनल रेलवे, प्रोडक्शन यूनिट्स और संस्थानों के महाप्रबंधकों को पत्र जारी कर नई व्यवस्था लागू करने के निर्देश दे दिए हैं। बोर्ड ने आधिकारिक डिजाइन और भौतिक सैंपल भी जारी कर दिए हैं, ताकि देश के किसी भी कोने में रेलकर्मियों के पहचान पत्र एक जैसे नजर आएं।
अब तक अलग-अलग जोनों में अलग रंग, साइज और डिजाइन के आईडी कार्ड चलन में थे, जिससे पहचान में एकरूपता नहीं दिखती थी। नई व्यवस्था के बाद यह भ्रम पूरी तरह खत्म हो जाएगा। रेलवे बोर्ड ने साफ किया है कि यह नियम स्थायी कर्मचारियों के साथ-साथ ठेका कर्मचारियों पर भी समान रूप से लागू होगा।
उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि बोर्ड के निर्देशों के अनुसार जल्द ही नए ‘स्मार्ट पहचान पत्र’ को लागू किया जाएगा।
FAQ | रेलवे का यूनिफॉर्म स्मार्ट ID कार्ड
Q1. नया यूनिफॉर्म स्मार्ट ID कार्ड किसे मिलेगा?
➡️ यह कार्ड भारतीय रेलवे के सभी स्थायी अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेका (कांट्रैक्ट) कर्मचारियों को मिलेगा।
Q2. स्मार्ट ID कार्ड में 12 अंकों का नंबर क्यों रखा गया है?
➡️ यह 12 अंकों का यूनिक नंबर कर्मचारी की पूरी प्रोफाइल का डिजिटल आधार होगा, जिससे उसकी तैनाती, जोन, डिवीजन और पहचान एक नजर में स्पष्ट हो सके।
Q3. 12 अंकों के यूनिक नंबर में कौन-कौन सी जानकारी छिपी होगी?
➡️
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पहले 2 अंक: कार्ड जारी होने का वर्ष
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अगले 2 अंक: रेलवे जोन/यूनिट कोड
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अगले 2 अंक: डिवीजन/वर्कशॉप/मुख्यालय
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अंतिम 6 अंक: कर्मचारी का व्यक्तिगत सीरियल नंबर
Q4. क्या यह व्यवस्था फर्जी आईडी कार्ड रोकने में मदद करेगी?
➡️ हाँ। इस यूनिफॉर्म डिजाइन और कोडिंग सिस्टम से फर्जी पहचान पत्रों पर सीधा अंकुश लगेगा और सुरक्षा जांच मजबूत होगी।
Q5. क्या पुराने आईडी कार्ड मान्य रहेंगे?
➡️ नए स्मार्ट ID कार्ड लागू होने के बाद पुराने अलग-अलग डिजाइन वाले आईडी कार्ड चरणबद्ध तरीके से अमान्य किए जाएंगे।
Q6. क्या पूरे देश में सभी रेलकर्मियों का ID कार्ड एक जैसा होगा?
➡️ जी हाँ। अब पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक सभी रेलकर्मियों के पहचान पत्र एक ही रंग और एक ही डिजाइन के होंगे।
Q7. क्या यह नियम ठेका कर्मचारियों पर भी लागू होगा?
➡️ बिल्कुल। रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि यह व्यवस्था स्थायी और ठेका—दोनों प्रकार के कर्मचारियों पर समान रूप से लागू होगी।
Q8. स्मार्ट ID कार्ड कब से लागू होगा?
➡️ रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को निर्देश जारी कर दिए हैं। जल्द ही चरणबद्ध तरीके से इसे लागू किया जाएगा।
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